Indian Army Commanders Conference: भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारी अगले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में सीमाओं पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक साथ आएंगे. सेना के अधिकारियों ने मंगलवार (1 नवंबर) को बताया कि जनरल मनोज पांडे (Manoj Pande) के नेतृत्व में सेना के शीर्ष अधिकारी सोमवार से शुरू होने वाले सेना कमांडरों के सम्मेलन का हिस्सा होंगे. 


अधिकारियों ने कहा कि इस दौरान सुरक्षा और संचालन संबंधी तैयारियों से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. सम्मेलन में सैनिकों के लिए अधिक स्वदेशी हथियार प्रणाली विकसित करने के लिए मेक इन इंडिया को डिफेंस में आगे बढ़ाने के नए तरीकों पर भी विचार करने की उम्मीद है. 


रक्षा मंत्री का भी होगा संबोधन


उन्होंने कहा कि जनरल मनोज पांडे स्वदेशीकरण के प्रबल समर्थक हैं और उन्होंने आधुनिकीकरण से जुड़े अधिकारियों को विश्व स्तरीय हथियार डेवलेप करने के लिए देश की निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मों को संभालने के लिए कहा है. इस बैठक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के भी संबोधित करने की उम्मीद है. 


गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटने के बाद पहला सम्मेलन


इसके अलावा बैठक में अन्य सेवाओं के साथ बातचीत भी होगी जो बलों के बीच संयुक्तता बढ़ाने में मदद करेगी. बैठक में थिएटर कमांड के निर्माण की दिशा में भी कदम उठाए जाने की संभावना है. इसी साल सितंबर के महीने में भारत और चीन की सेनाओं के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके से पीछे हटने के बाद पहली बार सेना का सम्मेलन हो रहा है. 


गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीन के सौनिकों में भयंकर झड़प हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस झड़प में चीन (China) के 40 से अधिक सैनिक मारे या घायल हुए थे. इस संघर्ष में भारत (India) के भी 20 सैनिक शहीद हुए थे. इस झड़प के करीब सवा दो साल बाद सितंबर में दोनों देशों के सैनिक गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके से पीछे हटने पर सहमत हुए थे. दोनों देशों की सेनाओं ने 12 सितंबर तक इलाके को खाली कर दिया था. 


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