Army Day 2022: देशभर में मनाया जा रहा है सेना दिवस, पीएम मोदी बोले- सेना के बलिदान को शब्दों में व्यक्त करना कठिन
Army Day: दरअसल फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बने थे. इसलिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस फील्ड मार्शल केएम करियप्पा की याद के तौर पर मनाया जाता है.
Indian Army Day 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना, उसके सैनिकों और उनके परिजनों को बधाई दी है. उन्होंने ट्विटर पर किये अपने ट्वीट में कहा है कि मैं सेना दिवस के अवसर पर विशेष रूप से हमारे सभी साहसी सैनिकों, सम्मानित पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं. भारतीय सेना दुनिया में अपनी बहादुरी और पेशेवर अंदाज के लिए जानी जाती है.
भारतीय सेना की अमूल्य सेवाओं का वर्णन शब्दों से संभव नहीं
उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में भारतीय सेना द्वारा की गई अमूल्य सेवाओं का वर्णन शब्दों के माध्यम से नहीं किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे ट्वीट में सेना के लिए लिखा कि भारतीय सेना के जवान प्रतिकूल परिस्थितियों और इलाकों में देश की सेवा करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं सहित मानवीय संकट के दौरान साथी नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे हैं. इसी के साथ हमारे जवान विदेशों में भी शांति अभियानों में हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. भारत की सेना के शानदार योगदान पर भारत को गर्व है.
प्रथम फील्ड मार्शल केएम करियप्पा की याद में मनाया जाता है सेना दिवस
दरअसल फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बने थे. ये भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है. इसलिए हर साल 15 जनवरी को भारत में भारतीय सेना दिवस फील्ड मार्शल केएम करियप्पा की याद के तौर पर मनाया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक आज 15 जनवरी को भारत में सेना दिवस के मौके पर थलसेना की ताकत देखने को मिलेगी.
सेना को मिली नई कॉम्बेट यूनिफार्म की सौगात
इस मौके पर थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (Army Chief General MM Naravane) राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में परेड की सलामी लेंगे. इस साल की परेड इसलिए भी खास है क्योंकि आज पहली बार भारतीय सैनिकों की नई कॉम्बेट यूनिफार्म की झलक देखने को मिलेगी. डिजिटल पैटर्न पर NFIT द्वारा तैयार की गई इस यूनिफार्म को ही सैनिक युद्ध के मैदान और ऑपरेशनल एरिया में पहना करेंगे. थलसेना प्रमुख सैनिकों को संबोधित भी करेंगे.