नई दिल्ली: भारतीय सेना ने एक बार फिर चीनी चालबाजियों के झूठ की पोल खोल दी है. चीन ने दावा किया था किया था कि भारतीय सेना की ओर से एलएसी पर फायरिंग की गई. अब भारतीय सेना के आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर चीन के दावे को खारिज किया है. सेना ने कहा कि भारतीय सेना ने ना तो एलएसी पर किसी तरह की आक्रामक कदम नहीं उठाया. फायरिंग चीन की तरफ से हुई.
सेना ने क्या कहा?
भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा, ''भारत सीमा पर सेना की तैनाती कम करने और शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन चीन हालात को बिगाड़ने वाली और उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है. भारत ने एलएसी को कभी क्रॉस नहीं किया. फायरिंग समेत भारत ने कोई भी आक्रामक कार्रवाई नहीं की है. चीन की सेना आक्रमक रुख के साथ लगातार समझौते का उल्लंघन कर रही है. जबकि सैन्य और राजनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है.''
कल शाम की घटना को लेकर सेना ने कहा, ''सात सितंबर को चीनी सेना ने एलएसी पर भारत के एक फॉर्वर्ड पोजीशन के करीब जाने की कोशिश की, तब हमारी सेना ने पीछा किया. चीन ने हमारे जवानों को धमकाने के लिए कुछ राउंड हवा में फायरिंग की. उकसावे के बावजूद भारतीय जवानों ने पूरी तरह शांति और परिपक्वता का परिचय दिया.''
सेना ने आगे कहा, ''भारतीय सेना शांति कायम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत का संकल्प भी मजबूत है. विवाद पर चीनी सेना का बयान अपनी जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने के लिए है.''
चीनी सेना की वेस्टर्न कमांड ने क्या आरोप लगाए थे?
भारतीय सेना की ओर से वॉर्निंग फायर पर चीनी सेना की वेसटर्न कमांड ने बयावन जारी किया है. वेस्टर्न कमांड के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, ''गॉड पाउ माउंटेन इलाके में भारतीय सेना ने घुसपैठ की. कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना ने गोलीबारी से धमकाया. चीनी सैनिकों को स्थिति सामान्य करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा.''
बयान में आगे बताया गया, ''भारत के इस कदम ने भारत औऱ चीन के बीच समझौतों को तोड़ा है, जिससे क्षेत्क में तनाव बढ़ गया और गलतफहमी की गुंजाइश बढ़ गई है. ये बेहद खतरनाक सैन्य उकसावे वाली कार्रवाई है.'' चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी भारत के सानिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है.
भारत-चीन सीमा पर 45 साल बाद फायरिंग
भारत-चीन सीमा पर 45 साल बाद फायरिंग हुई है. एलएसी पर आखिरी बार अक्टूबर 1975 में गोलीबारी की घटना अरूणाचल प्रदेश में हुई थी. 15 जून में गलवान झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. इस झड़प में भी भारत ने संयम रखा और गोलीबारी नहीं की थी. गलवान की झड़प के बाद भारत ने अब 'रूल ऑफ इंगेजमेंट' बदल दिए. यानि अब जरूरत पड़ने पर फायरिंग भी की जा सकती है.
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