पूर्वी लद्दाख में सेना ने किया अबतक का सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड युद्धभ्यास, चीनी सैनिकों से यहीं हुई थी तनातनी
इस दौरान खुद थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी लद्दाख की प्रशासनिक राजधानी, लेह में मौजूद थे. इंटीग्रेटेड युद्धभ्यास के आखिरी चरण में मंगलवार को खुद लेफ्टिनेंट जनरल जोशी और लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह पहुंचे थे.
नई दिल्लीः हाल ही में लद्दाख में पेंगोंग लेक के करीब चीनी सैनिकों से हुई तनातनी के बीच भारतीय सेना ने उसी क्षेत्र में एक बड़ा युद्धभ्यास किया है. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले तत्कालीन डीजीएमओ, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने खुद इस 'इंटीग्रेटेड' युद्धभ्यास की समीक्षा की. इन दिनों रणबीर सिंह सेना की उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ है जिनकी जिम्मेदारी पाकिस्तान से सटी एलओसी और लद्दाख में चीन सीमा की सुरक्षा करना है.
सेना के मुताबिक, इस इंटीग्रेटेड युद्धभ्यास को पूर्वी लद्दाख में किया गया जिसमें इंफेंट्री सैनिकों के साथ साथ बीएमपी (आईसीवी) व्हीकल्स, पैरा-एसएफ कमांडोंज़, तोप, टैंक और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स ने हिस्सा लिया. खास बात ये है कि स्पेशल फोर्स के पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने लद्दाख के सुपर ऑल्टिटयूड क्षेत्रों में रात में पैरा जंप कर सर्जिकल स्ट्राइक का अभ्यास किया. जानकारी के मुताबिक, करीब 14-15 हजार फीट की ऊंचाई पर सेना के टी-90 'भीष्म' टैंकों ने मैन्यूवर की. आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में इस उंचाई पर सेना की एक पूरी आर्मर्ड (टैंक) ब्रिगेड है जो दुनिया में सबसे उंचाई पर टैंकों की तैनाती है.
खास बात ये है कि इस दौरान खुद थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी लद्दाख की प्रशासनिक राजधानी, लेह में मौजूद थे. लेह में ही सेना की 14वीं कोर यानइ 'फायर एंड फ्यूरी' कोर का मुख्यालय है जो चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा, एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल) की सुरक्षा करती है.
हाल ही में पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग लेक के करीब जिन भारतीय सैनिकों का एलएसी पर पैट्रोलिंग करते हुए चीन की पीएलए सेना के सैनिकों से फेसऑफ और धक्का मुक्की हुई थी वे भी इसी फायर एंड फ्यूरी कोर के जवान थे. इन दिनों, इस 14वीं कोर के कमांडर हैं करगिल युद्ध के हीरो, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी (जोशी का रोल 'करगिल' फिल्म में संजय दत्त ने किया था).
इंटीग्रेटेड युद्धभ्यास के आखिरी चरण में मंगलवार को खुद लेफ्टिनेंट जनरल जोशी और लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह पहुंचे थे. रणवीर सिंह खुद एक भीष्म टैंक पर सवार थे. चीन सेना की तर्ज पर भारतीय सेना ने इस वॉर-गेम में अपने सैनिकों का मूवमेंट बेहद तेजी से करने के लिए आईसीवी (इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स) का इस्तेमाल किया.
आपको बता दें कि डोकलम विवाद के दौरान भारतीय सेना को सिक्किम के ऊंचाई वाले इलाकों में आईसीवी और टैंकों को पहुंचाने में काफी मुश्किल आई थी. इसीलिए इस बार भारतीय सेना चीन से टकराव की स्थिति में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और लद्दाख में अपने तरह के पहले इस तरह के युद्धभ्यास को अंजाम दिया.
युद्धभ्यास की समीक्षा के बाद लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सैनिकों की तैयारियों की प्रशंसा की और कहा कि उत्तरी कमान किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है.
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