फिदायीन हमले की बड़ी साजिश नाकाम, कश्मीर में पकड़ा गया आतंकी तबरक हुसैन, पाकिस्तानी सेना से ली है ट्रेनिंग
भारत में आत्मघाती हमले के लिए आए आतंकी को सेना मुठभेड़ के बाद दबोच लिया है. एलओसी पर हुई मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकी तबरक हुसैन घायल हो गया.
Terroist Arrested On LoC: भारत में आत्मघाती हमला करने आए एक आतंकी को सेना ने एलओसी (LoC) पर हुई मुठभेड़ के बाद धर-दबोचा. एलओसी (LoC) के नौशेरा सेक्टर (Nowshera Sector) में हुई इस मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकी तबरक हुसैन घायल हो गया. खास बात ये है कि तबरक हुसैन दूसरी बार भारत में धर-दबोचा गया . इससे पहले 2016 में भी उसे गिरफ्तार किया गया था और 26 महीने की जेल काटने के बाद पाकिस्तानी सरकार को सौंप दिया गया था.
रविवार को जब भारतीय सेना ने तबरक हुसैन को नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ करते हुए धर-दबोचा तो वो जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि वो यहां मरने के लिए आया था. भारतीय सेना की गोली लगने से तबरक घायल हो गया था. पकड़े जाने के वक्त वो ड्रग्स की डोज लिए हुए था. सूत्रों के मुताबिक, जांच में पाया गया कि उसने हाल ही में अपने शरीर के सीने, बगल और प्राईवेट पार्ट्स के बाल शेव करवाए थे. ऐसा इस्लामिक जेहादी आत्मघाती हमले से पहले करता हैं.
पीओके भागा था आरोपी
जानकारी के मुताबिक, तबरक हुसैन की उम्र करीब 26 साल है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कोटली इलाका का रहने वाला है जो लाइन ऑफ कंट्रोल यानि एलओसी से सटा इलाका है. अप्रैल 2016 में भी तबरक हुसैन ने अपने दो साथियों के साथ नौशेरा सेक्टर से ही घुसपैठ करने की कोशिश की थी. उस वक्त तबरक और उसका साथी हारून अली (निवासी, कोटली, पीओके) गिरफ्तार कर लिए गए थे. लेकिन उनका तीसरा साथी पीओके वापस भागने में कामयाब हो गया था.
आईएसआई के लिए काम करता था तबरक
गिरफ्तार होने के बाद पता चला तबरक हुसैन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के लिए काम करता था और पाकिस्तानी सेना की इंटेलीजेंस यूनिट में दो साल काम कर चुका था. उसनें आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के भिंबर कैंप में छह महीने के लिए गाइड बनने की ट्रेनिंग भी ली थी. दरअसल, आईएसआई और लश्कर ए तैयबा एलओसी से सटे पीओके के इलाकों में रहने वाले युवकों को आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए गाइड बनाने की ट्रैनिंग देते हैं.
सुसाइड मिशन के लिए भारत पहुंचे थे आतंकी
इसके अलावा तबरक को भारतीय सेना की संवदेनशील जानकारी इकठ्ठा करने और पकड़े जाने पर मनगंढंत कहानी बनाने में भी ट्रेनड किया गया था. तबरक और उसके साथी हरून अली को 26 महीने भारत की जेल में काटने के बाद पिछले साल अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तानी सरकार को सौंप दिया गया था. लेकिन रविवार को एक बार फिर वो सुसाइड-मिशन के लिए भारत में घुसपैठ करने के लिए नौशेरा सेक्टर पहुंच गया.
गोली लगने के बाद क्यों चिल्लाया आतंकी
इस बार वो भारतीय सेना (Indian Army) की गोली से घायल भी हो गया. गोली लगने के बाद वो चिल्लाने लगा कि मैं यहां मरने के लिए आया था, मुझे धोखा दे दिया, भाईजान मुझे यहां से निकाल लो. खास बात ये है कि तबरक का भाई, मोहम्मद सईद भी दिसम्बर 2021 में नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
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