Indian Army AI Roadmap: भारतीय सेना अपनी गतिशीलता और सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक कदम के रूप में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) रोडमैप तैयार करने की प्रक्रिया में है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए विषय विशेषज्ञों के परामर्श लिया जा रहा है.
सेना प्रमुख ने गुरुवार (7 मार्च) को एडीटीवी की डिफेंस समिट को संबोधित करते हुए कहा कि नेचुरल लैंगुएज प्रोसेसिंग, फेशियल रिकग्निशन, व्हीकल ट्रैकिंग, सैटेलाइट इमेजरी एनालिसिस और अन्य ऑटोनॉमस सिस्टम कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट्स में से हैं जो वर्तमान में चल रहे हैं.
अगले 20-25 साल तक अच्छा काम करेगा AI रोडमैप- सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने कहा, ''उच्च शक्ति वाले कंप्यूटिंग एआई क्लाउड को विकसित करने के लिए एक ट्राई-सर्विसेज प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है. हम विषय विशेषज्ञों के परामर्श से एआई रोड मैप तैयार करने की प्रक्रिया में हैं, जो अगले 20 से 25 वर्षों के लिए अच्छा काम करेगा.''
सेना प्रमुख ने कहा कि सेना रोबोटिक निगरानी प्लेटफॉर्म, ऑटोनॉमस कॉम्बैट व्हीकल और मानवयुक्त-मानवरहित सफाई समाधान जैसी परियोजनाओं पर भी काम कर रही है.
आत्मनिर्भरता पर जोर
उन्होंने कहा, ''हम ट्रेनिंग और ऑपरेशंस में 5जी कम्युनिकेशन और इसके उपयोग की भी खोज कर रहे हैं. सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि आधुनिकीकरण और टेक्नोलॉजी का समावेश 'आत्मनिर्भरता' की इमारत पर खड़ा है और ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप के प्रमुख स्तंभों में से एक है जिसे सेना में किया जा रहा है.
सेना प्रमुख ने कहा, ''बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम के जरिए युद्धक्षेत्र स्थितिजन्य जागरूकता को बढ़ाया जा रहा है और लक्ष्य प्राप्ति और सटीक हमले के लिए सेना के पास निगरानी ड्रोन की एक श्रृंखला है. हमारे पास स्वार्म ड्रोन और नए तोपखाने प्लेटफार्म हैं. छोटे हथियारों और हैंडहेल्ड थर्मल इमेज के लिए रात्रि स्थलों के माध्यम से हमारी रात्रि युद्ध क्षमताओं को बढ़ाया गया है.
सॉफ्टवेयर-डिफाइंड वीडियो को शामिल करके सैनिक स्तर तक हमारे संचार की प्रभावशीलता को उन्नत किया जा रहा है. हम इलाके-विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैनात कर रहे हैं. लॉजिस्टिक ड्रोन की तैनाती करके लॉजिस्टिक क्षमताओं और दक्षता को बढ़ाया जा रहा है.