India-China Standoff: चीन के हर मूवमेंट को मिलेगी चुनौती, लद्दाख के चप्पे-चप्पे पर भारतीय जवान तैनात, सेना ने बढ़ाई निगरानी
Ladakh में भारतीय सेना ने एक बार फिर अपनी निगरानी को बढ़ा दिया है. भारतीय सेना के जवान ड्रैगन की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं. बीते कुछ समय से दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है.
Indian Army In Ladakh: लद्दाख में चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना ने निगरानी बढ़ा दी है. चप्पे-चप्पे पर भारतीय सैनिक तैनात हैं और चीन की हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रहे हैं. पैंगोंग झील से एक वीडियो सामने आया है. जिसमें देखा जा सकता है कि LAC पर भारतीय सेना के जवान मैराथन निगरानी कर रहे हैं.
बता दें कि गलवान घाटी के पास तैनात भारतीय सेना के फॉर्मेशन ने हाल के महीनों में घोड़ों और खच्चरों से सर्विलांस को काफी बढ़ा दिया है. बीते दिनों भारतीय सेना ने जमी हुई पैंगोग झील के ऊपर हाफ मैराथन जैसी चरम गतिविधियां भी की हैं.
21 किलोमीटर का मैराथन
उल्लेखनीय है कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने 13,862 फीट ऊंचे पैंगोंग लेक में माइनस से नीचे के तापमान में अपनी पहली हाफ मैराथन (21 किलोमीटर ट्रेल) सफलतापूर्वक आयोजिक करते इतिहास रच दिया है. इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील हाफ मैराथन के रूप में दर्ज किया गया है. भारत और चीन की सीमा पर फैली 700 वर्ग किलोमीटर की पैंगोंग झील सर्दियों के दौरान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड करती है, जिससे खारे पानी की झील बर्फ से जम जाती है.
#WATCH गलवान घाटी के पास तैनात भारतीय सेना के फॉर्मेशन ने हाल के महीनों में घोड़ों और खच्चरों पर वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के पास के क्षेत्रों का सर्वेक्षण और पैंगोंग झील पर हाफ मैराथन जैसी गतिविधियाँ की। pic.twitter.com/OUxPenfETc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2023
पहले गलवान, फिर तवांग
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कई दशकों से चला आ रहा है. 2020 में गलवान की घटना के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए, वहीं बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भी चीनी और भारतीयों सैनिकों की झड़प हुई. शुक्रवार (3 मार्च) को सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई.
चीन और भारत के बीच क्या बात हुई?
चीन के विदेश मंत्री किन गांग ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से कहा है कि भारत और चीन को द्विपक्षीय संबंधों में सीमा मुद्दे को "उचित स्थान" पर रखना चाहिए और अपनी सीमाओं पर स्थिति सामान्य बनाने के लिए यथाशीघ्र मिलकर काम करना चाहिए. बता दें कि भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती तब तक चीन से उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. जयशंकर ने किन से कहा कि भारत-चीन संबंधों की स्थिति 'असामान्य' है.
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