कश्मीर: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच अब सेना ने भी सतर्कता और बढ़ा दी है. देश में हर गुज़रते दिन के साथ बढ़ रहे संक्रमण के केस के बाद सेना ने यह कदम उठाया है. खासतौर पर छुट्टी से लोटने वाले जवानों के लिए ट्रांजिट कैंप को और सक्रिय कर दिया गया है. कश्मीर घाटी में सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के अनुसार संक्रमण के खतरे को देखते हुए ट्रांजिट कैंप में छुट्टी से लौटने वाले जवानों पर खास नज़र रखी जा रही है, ताकि दूर दराज़ के कैंपो तक यह संक्रमण ना पहुंचे.
जनरल राजू के अनुसार सीमा पर तैनात जवान पहले से ही "ISOLATED" होते हैं और यहां संक्रम का कोई खतरा नहीं, लेकिन बाहर से आने वाले जवानों पर खास नज़र रखना ज़रूरी है. इसीलिए जवानों के लिए ट्रांजिट कैंपो में टेस्ट की विशेष सुविधाएं रखी गई हैं और किसी भी संदिग्ध को यहीं पर रोका जा रहा है.
कश्मीर घाटी में तैनात सेना के जवानों के लिए भी सेना ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं और जवानों को हर हाल में अपनी सेहत के बारे में छोटी से छोटी बात भी रिपोर्ट करना अनिवार्य बनाया गया है. संक्रमण को रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के दिए निर्देशों को देखते हुए सेना ने कश्मीर में अपने सभी "ऑपरेशन सद्भावना" के कार्यक्रमों को अगले आदेश तक बंद कर दिया ही.
ऑपरेशन सद्भावना के तहत सेना जम्मू कश्मीर में आम लोगों के साथ मेल-जोल बढ़ाने का काम करती है. आज ही सेना की तरफ से देश भ्रमण पर भेजी गई बच्चों की एक टीम वापस लौटी, जिसमें कुपवाड़ा के स्कूल की छात्राएं भी थीं.
इन बच्चों के वापस लौटने पर सेना ने साफ़ कर दिया कि अगले आदेश तक इस तरह के सभी आयोजन बंद कर दिए गए हैं. साथ-साथ सेना के मुख्यालयों में जवानों के बने सिनेमा हॉल, और अन्य बड़ी सभाओं पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल राजू के अनुसार कश्मीर घाटी में जवानों के लिए विशेष "QAURANTINE CAMP" भी शुरू किये गए हैं, ताकि किसी भी तरह के हालात से निपटा जा सके. हालांकि अभी तक कश्मीर घाटी में कोई भी कोरोना संक्रमण का पॉज़िटिव केस सामने नहीं आया है. लेकिन सेना हर काम की तरह यहां पर भी जंग से पहले जंग के लिए तयार हो चुकी है.
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