Indian Army Will Buy 400 Howitzers from Indian Firms: स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हथियारों को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय सेना ने शुक्रवार (16 अगस्त 2024) को भारतीय फर्मों से 400 हॉवित्जर खरीदने के लिए एक टेंडर जारी किया. भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट, भारतीय उद्योग की विशेषज्ञता का उपयोग करके 155 मिमी/52 कैलिबर टोड गन सिस्टम का उत्पादन करना चाहती है, जो हल्का, वर्सेटाइल होगा और भविष्य की तकनीकी प्रगति को पूरा करेगा.


वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "भारतीय फर्मों से 400, 155-मिमी 52-कैलिबर टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (TAGS) और टोइंग वाहनों को खरीदने के लिए एक टेंडर जारी किया गया है, जिसे भारतीय-आईडीडीएम श्रेणी के तहत खरीदा जा सकता है. जिन फर्मों को निविदा मिली है, उनमें भारत फोर्ज, लार्सन एंड टुब्रो, अडानी और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड प्रमुख रूप से शामिल हैं."


पहले भी एक टेंडर दे चुकी है सेना


बता दें कि भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर अपनी आवश्यकताओं के लिए माउंटेड गन सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए 307 एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) खरीदने के लिए पहले ही टेंडर जारी कर चुकी है. भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित होवित्जर का मतलब है कि यह सभी तरह से यानी पूरी तरह से भारतीय होगा. सेना चाहती है कि ये तोपें वजन में हल्की हों और पुरानी बोफोर्स तोपों की तरह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात करना आसान हो.


एक दशक में चार कॉन्ट्रैक्ट हुए पूरे


यह पूरी खरीद प्रक्रिया स्वदेशी तोपों के साथ मध्यमीकरण के लिए सेना की योजना का हिस्सा है और वर्ष 2042 तक पूरी होने की संभावना है. पिछले 1 दशक में, 155 मिमी होवित्जर की खरीद के लिए चार कॉन्ट्रैक्ट पूरे किए जा चुके हैं. इन तोप प्रणालियों को पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है और अधिक संख्या में रेजिमेंटों को इन तोपों से लैस किया जा रहा है. 


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