Indian Army: तीन बड़े सैन्य ऑफिसर के रिटायरमेंट से थलसेना में बड़ा फेरबदल हुआ है. पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अब सेना के नए सह-प्रमुख का पदभार संभाल लिया है. उनकी जगह अब लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कलीता ने ली है. उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी के रिटायरमेंट पर उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ले रहे हैं.


31 जनवरी यानी सोमवार को सेना के तीन बड़े अफसरों ने लंबी सेवाओं के बाद अपने 'बूट्स टांग दिए' यानी उनका रिटायरमेंट हो गया. इनमें साउथ ब्लॉक में सेना मुख्यालय में सह-प्रमुख यानी वाइस चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल सी पी मोहंती थे. राजपूत रेजीमेंट से ताल्लुक रखने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती पिछले डेढ़ साल से इस पद पर थे और एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के दौरान 'इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट' और डिसरेप्टिव टेक्नोलॉजी' को सेना में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई.


जनरल नरवणे 30 अप्रैल को हो रहे रिटायर 


लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती की जगह अब लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने ली है. फोर्ट विलियम (कोलकता) स्थित सेना की पूर्वी कमान के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अब सेना में थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे के बाद सबसे सीनियर अधिकारी हो गए हैं. जनरल नरवणे इसी साल 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में जवरल नरवणे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल पांडे थलसेना प्रमुख बनने की दौड़ में सबसे आगे रहेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे सेनै की इंजीनियरिंग कोर से ताल्लुक रखते हैं. अभी तक थलसेना प्रमुख का पद अमूमन इन्फेंट्री, आर्टलरी और आर्मर्ड कोर के ही अधिकारियों को मिलता आया है.


लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी हुए रिटायर


सेना की उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी भी सोमवार को एक लंबी सर्विस के बाद रिटायर हो गए. करगिल युद्ध के हीरो रहे लेफ्टिनेंट जनरल जोशी पिछले दो साल से उत्तरी कमान के कमांडर के पद पर थे. इसी दौरान ही पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन के साथ भारतीय सेना का तनाव शुरू हुआ और गलवान घाटी की लड़ाई (जून 2019) भी हुई. उनकी जगह अब लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी लेंगे.


लेफ्टिनेंट जनरल केजीएस ढिल्लन हुए रिटायर


सोमवार को ही डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी (डीआईए) के  महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल केजीएस ढिल्लन रिटायर हुए. श्रीनगर स्थित चिनार कोर के कमांडर रहे, लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन अपने 'कितने गाजी आए और कितने चले गए' डॉयलॉग के लिए खासे चर्चित रहे और ऑपरेशन ऑल-आउट के दौरान आतंकी संगठनों की कमर तोड़ने में अहम भूमिका निभाई. मंगलवार यानी 1 फरवरी को लेफ्टिनेंट जनरल जी ए वी रेड्डी ने लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन की जगह डीआईए के महानिदेश‌क का पदभार संभाल लिया.‌ लेफ्टिनेंट जनरल रेड्डी अभी तक चेन्नई स्थित, ओटीए एकेडमी के कमांडेंट के पद पर तैनात थे.


ये भी पढ़ें- 


Budget 2022: ITR में गड़बड़ी को सुधार करने के लिए 2 साल का समय मिलेगा, जानें बजट में करदाताओं के लिए क्या है


Union Budget 2022: बजट में रेलवे को बड़ा तोहफा, 3 साल में चलाई जाएंगी 400 नई वंदे भारत ट्रेनें