राजस्व बजट से भी अब हथियार खरीद सकेंगे फील्ड कमांडर्स, रक्षा मंत्रालय ने बढ़ाई 'फाइनेंसियल पावर्स'
रक्षा मंत्रालय ने ऑपरेशन्ल तैयारियों के लिए फील्ड कमांडर्स को नए हथियार और सैन्य साजो सामान खरीदने के लिए 'फाइनेंसियल पावर्स' बढ़ा दी है.
ऑपरेशन्ल तैयारियों के लिए रक्षा मंत्रालय ने फील्ड कमांडर्स को नए हथियार और सैन्य साजो सामान खरीदने के लिए 'फाइनेंसियल पावर्स' बढ़ा दी है. खास बात ये है कि जरूरत पड़ने पर फील्ड कमांडर्स अब राजस्व बजट से भी हथियार खरीद सकेंगे.
वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के फौरन बाद इस तरह की पावर दी गई थीं लेकिन अब रक्षा मंत्रालय ने इस बावत नई पॉलिसी जारी कर स्थायी अधिकार दे दिया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को नई डेलीगेशन ऑफ फाइनेंसियल पावर टू डिफेंस सर्विसेज़ (डीएफपीडीएस-2021) पॉलिसी को खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जारी किया. इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और रक्षा सचिव, अजय कुमार सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद थे.
नई पावर थलसेना समेत वायुसेना और नौसेना के कमांडर्स की भी बढ़ा दी गई
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, डीएफपीडीएस के तहत फिल्ड कमांडर्स की वित्तीय शक्तियां अब पांच से दस गुना तक बढ़ा दी गई हैं. वाइस चीफ की फाइनेंशियर पावर दस प्रतिशत तक बढ़ा दी गई हैं. ये नई पावर थलसेना के साथ साथ वायुसेना और नौसेना के कमांडर्स की भी बढ़ा दी गई हैं.
ऑपरेशन्ल तैयारियां बेहतर हो पायेंगी
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस नई पॉलिसी से हेडक्वाटर्स से लेकर फील्ड कमांडर्स (कोर और कमान के चीफ ऑफ स्टाफ तक) तेजी से फैसले ले सकेंगे और ऑपरेशन्ल तैयारियां बेहतर हो पायेंगी. नई पॉलिसी के तहत वायुसेना अब एयरक्राफ्ट्स को किराये पर भी ले सकेगी. इनमें एयर टू एयर रिफ्यूलर विमान भी शामिल हैं. प्राकृतिक आपदा के दौरान नौसेना को भी नई पावर दी गई हैं.
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