(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indian Army: लद्दाख में बढ़ी भारतीय सेना की ताकत, चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए मिले नए लड़ाकू वाहन
Combat Vehicles in India: भारतीय सेना को लद्दाख में नए लड़ाकू वाहन दिए गए हैं. यह लड़ाकू वाहन कई प्रकार की अत्याधुनिक खूबियों से लैस है.
Infantry Protected Mobility Vehicle: भारत (India) ने अपने पड़ोसी देश चीन (China) के साथ लद्दाख (Ladakh) में सीमा विवाद (Border Dispute) के बाद अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने पर लगातार ध्यान दिया है. इसी का नतीजा है कि केंद्र सरकार ने भारतीय सेना (Indian Army) को चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए लद्दाख में नए लड़ाकू वाहन (Combat Vehicles) मुहैया कराएं हैं. लद्दाख में भारतीय सेना की पकड़ को और मजबूत किया जा सकता है.
बताया जा रहा है कि लद्दाख में भारतीय सेना को मिले यह नए लड़ाकू वाहन काफी अत्याधुनिक हैं जो 16,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर कठिन इलाके में तेजी से काम करने के लिए बेहतर माने जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार नए लड़ाकू वाहनों का इस्तेमाल तेजी से गश्त करने और टोही और आक्रामक अभियानों जैसे विभिन्न अभियानों के लिए सैनिकों को तेजी से ले जाने के लिए किया जा सकता है.
Modern & technologically advanced : Medium Vehicles for Quick Reaction Force, inducted into the inventory of #IndianArmy, enhancing the reach & cross country mobility of the forces in high altitude terrain of #Ladakh.@adgpi@DefenceMinIndia @lg_ladakh @RNTata2000 @ANI pic.twitter.com/GFDHBQ0nDT
— NORTHERN COMMAND - INDIAN ARMY (@NorthernComd_IA) July 16, 2022
व्यापक परीक्षण के बाद हुआ शामिल
भारतीय सेना को मिले यह नए लड़ाकू वाहनों को पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले पठारी क्षेत्र में व्यापक परीक्षण के बाद शामिल किया गया है. इसका नाम इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल (Infantry Protected Mobility Vehicle) बताया जा रहा है. इसमें सुरक्षा के लिए 360 डिग्री मशीन गन मिलती है, जिसे की रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है.
टाटा ने किया निर्माण
पूरी तरह से बुलेटप्रूफ सुरक्षा (Bulletproof Protection) प्रदान करने वाले इन वाहनों का निर्माण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Limited) की ओर से पूरी तरह स्वदेशी रूप से किया गया है. बताया जा रहा है कि इन वाहनों की आवश्यकता लद्दाख (Ladakh) में चीन (China) के साथ सीमा विवाद (Border Dispute) को लेकर सैन्य संघर्ष के चरम पर पहुंचने पर महसूस की गई थी. जिसके बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने दो साल पहले परीक्षण शुरू कर दिया था.
इसे भी पढ़ेंः
Praveen Nettaru Murder Case: सीएम बोम्मई की दो टूक- अशांति न फैलाएं, जरूरत पड़ेगी तो शुरू करेंगे 'योगी मॉडल'