भारतीय सेना के अधिकारियों के रिकॉर्ड्स हुए डिजिटल, अब वे कर सकते हैं ऑनलाइन शिकायत
बता दें कि अभी तक सेना में शिकायत के लिए लंबी प्रकिया थी. इसके लिए सिर्फ लेटर या फाइल-मूव करके जाती थी. लेकिन अब डिजिटल होने से कोई भी अधिकारी कहीं से भी अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं.
नई दिल्ली: भारतीय सेना के किसी अधिकारी को अपने सर्विस-रिकॉर्ड संबंधी कोई शिकायत न हो इसके लिए सेना ने अपने सभी अधिकारियों के रिकॉर्ड्स को डिजीटाइज कर दिया है. यानी अगर किसी अधिकारी को अपनी उम्र, भर्ती या फिर सैलेरी संबंधी कोई शिकायत है तो वो सीधे ऑनलाइन इसकी शिकायत कर सकता है.
अभी तक थी लंबी प्रक्रिया
अभी तक सेना में शिकायत सिर्फ लेटर या फाइल-मूव करके की जाती थी जो एक लंबी प्रक्रिया थी. लेकिन सेना ने हाल ही में अपने अधिकारियों के लिए खास 'ऑफिसर्स ऑटोनोमस स्ट्रक्चर इंफोसिस्टम' लॉन्च किया है जिसके चलते कोई भी अधिकारी देश के किसी भी कोने में तैनात हो वहीं से बैठकर सेना मुख्यालय में अपने सर्विस से संबंधित किसी शिकायत को दर्ज कर सकते हैं.
पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि को लेकर उठा था विवाद
बता दें कि कुछ साल पहले तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने अपनी जन्मतिथि को लेकर उठे विवाद में सरकार को सुप्रीम कोर्ट तक में खींच डाला था जिससे सेना और सरकार के बीच खींचतान की नौबत आ गई थी. जनरल वी के सिंह का दावा था कि भर्ती के समय उनकी उम्र एक साल कम कर दी गई थी, जिसके चलते उन्हें एक साल पहले रिटायर कर दिया था. लेकिन सरकार ने उनकी उम्र को वही माना जो उनकी कमीशनिंग के समय रिकार्ड्स में दर्ज थी. जनरल वी के सिंह का दावा था कि उन्होनें अपनी उम्र को लेकर सेना मुख्यालय में बाकयदा शिकायत की थी.
लेकिन अब किसी भी सैन्य-अधिकारी को अपनी उम्र, छुट्टी या फिर वेतन को लेकर कोई भी शिकायत होगी तो उसे ऑनलाइन दर्ज किया जा सकता है. ये सिस्टम आर्मी-इंट्रानेट पर उपलब्ध है. इस सिस्टम से सेना के करीब 40 हजार सैन्य अधिकारी आर्मी इंट्रानेट पर लॉगइन करके अपने सर्विस संबंधित कोई भी जानकारी देख सकते हैं और उसपर आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं. सियाचिन जैसे दुर्गम इलाकों में भी सेना का इंट्रानेट काम करता है. ऐसे में सैनिक सेना मुख्यालय से जुड़े रहेंगे.
एक क्लिक में देख सकते हैं रिकॉर्ड
पिछले महीने की 29 तारीख को इस सिस्टम को डिजिटली लॉन्च किया. बुधवार को थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस (14-19 अक्टूबर) में सेना के सभी बड़े कमांडर्स को इस बारे में जानकारी दी. सेना मुख्यालय के एजी (एडज्युटेंट जनरल) ब्रांच को इस सिस्टम की जिम्मेदारी दी गई है. अभी तक सेना के अधिकारियों के रिकॉर्ड्स एजी ब्रांच या फिर उनकी संबंधित यूनिट और रेजीमेंट में होते थे. जहां जहां यूनिट मूव होती थी इन रिकॉर्ड्स को भी साथ ले जाया जाता था. लेकिन अब सभी रिकॉर्ड्स डिजीटाइज होने से रिकॉर्ड्स को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सेना मुख्यालय भी किसी भी अधिकारी का रिकॉर्ड एक क्लिक में देख सकता है.
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