Dakshin Shakti Exercise: गुजरात-राजस्थान में भारतीय सेना की चल रही ‘दक्षिण शक्ति’ अभ्यास, 30 हजार सैनिक और पुलिसकर्मी ले रहे हिस्सा
Dakshin Shakti Exercise: दक्षिण-शक्ति युद्धभ्यास का मकसद देश में थियेटर कमान बनाने के तैयारी के लिए युद्ध की परिस्थितियों में सशस्त्र सेनाओं के साथ खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों से बेहतर तालमेल शामिल है
Dakshin Shakti Exercise: देश में थियेटर कमांड बनाने की दिशा में बढ़ते हुए इनदिनों गुजरात और राजस्थान में 'दक्षिण-शक्ति' नाम की बड़ी एक्सरसाइज चल रही है. इस एक्सरसाइज में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के साथ साथ कोस्टगार्ड, गुजरात पुलिस, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियां भी हिस्सा ले रही है. दक्षिण-शक्ति युद्धभ्यास में करीब 30 हजार सैनिक और पुलिसकर्मी हिस्सा ले रहे हैं. माना जा रही है कि कोरोना काल के बाद भारत की ये सबसे बड़ी एक्सरसाइज है. जानकारी के मुताबिक, थलसेना की दक्षिणी कमान इस मल्टी-डोमेन एक्सरसाइज को आयोजित कर रही है.
दक्षिण-शक्ति युद्धभ्यास का मकसद देश में थियेटर कमान बनाने के तैयारी के लिए युद्ध की परिस्थितियों में सशस्त्र सेनाओं के साथ मल्टी एजेंसी यानि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों से बेहतर तालमेल है शामिल है. यही वजह है कि सेना के साथ-साथ सीमा पर तैनात बीएसएफ और दूसरी खुफिया एजेंसियों को भी दक्षिण शक्ति एक्सरसाइज में शामिल किया गया है. इस एक्सरसाइज को एक साथ राजस्थान के रेगिस्तान में पाकिस्तान से सटी सीमा के साथ साथ गुजरात के रण ऑफ कच्छ और सर क्रीक इलाके में चल रही है.
देश में सेना के तीनों अंग यानि थलसेना, नौसेना और वायुसेना की साझा कमान बनाने पर जोरों से काम चल रहा है. थियेटर कमान बनने के बाद देश में तीनों अंगों के अलग-अलग कमान नहीं होंगी बल्कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना की इंटीग्रेटेड कमान होगी. इससे तीनों अंगों के कार्यों में डुप्लीकेसी तो कम होगी ही लॉजिस्टिक ऑपरेशन्स में सुविधा होगी. साथ ही मार्डन वॉरफेयर में कोई भी अंग अकेले कोई युद्ध नहीं लड़ सकता है. ऐसे में थियेटर कमान बनाने से पहले ही सभी सशस्त्र सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग के उद्देश्य से दक्षिण-शक्ति एक्सरसाइज को किया जा रहा है.
इस दक्षिण-शक्ति एक्सरसाइज का एक हिस्सा 'सागर-शक्ति' (19-22 नबम्बर) तक गुजरात से सटे कच्छ के रण में पूरा हो चुका है. मुंबई के 26/11 हमले की 13वी बरसी पर ये युद्धभ्यास बेहद अहम हो जाता है. क्योंकि पाकिस्तान से सटे इस बेहद ही दुर्गम इलाके से आतंकियों की घुसपैठ, ड्रग और आर्म्स स्मैगलिंग का खतरा हमेशा बना रहता है. दक्षिण-शक्ति युद्धभ्यास का समापन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 26 नबम्बर को जैसलमेर में होगा.