(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Army Dog Axel: स्निफर डॉग एक्सेल को सेना ने दी श्रद्धांजलि, एनकाउंटर के दौरान आतंकी ने मारी थी गोली
Jammu Kashmir News: एक्सेल को एक दिन पहले बारामूला में एक एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन के दौरान आतंकी ने गोली मार दी थी.
Jammu Kashmir Encounter: कश्मीर में आतंकी से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सेना के डॉग को रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई. बेल्जियन मेलिनोइस डॉग, एक्सेल (Dog Axel) को एक दिन पहले बारामूला में एक एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन के दौरान आतंकी (Terrorist) ने गोली मार दी थी. भारतीय सेना (Indian Army) के मुताबिक, रविवार को एक्सेल के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजिल अर्पित करने के लिए एक सैन्य समारोह का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की किलो फोर्स के जीओसी, मेजर जनरल एस एस सलारिया सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और डॉग-हैंडलर शामिल हुए.
सेना के मुताबिक, शनिवार को बारामूला के वनिगम्बाला में एक एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन के दौरान डॉग-स्कॉवयड को भी शामिल किया गया था. क्योंकि एक बिल्डिंग में आतंकियों के छिपने की सूचना मिली थी. एनकाउंटर के दौरान सेना को शक था कि एक आतंकी बिल्डिंग में ही छिपा हुआ है. इसीलिए बिल्डिंग के सेनेटाइजेशन यानि एक-एक कमरे की तलाशी के लिए एक्सेल को लगाया गया था.
गोली लगने के बाद भी एक्सेल ने किया मुकाबला
एक्सेल ने एक कमरे को क्लीयर कर दिया था, लेकिन जैसे ही वो दूसरे कमरे में दाखिल हुआ आतंकी ने उसपर गोली चला दी. गोली की आवाज सुनकर ही सैनिक अलर्ट हो गए और कमरे में छिपे आतंकी को ढेर कर दिया, लेकिन गोली लगने से एक्सेल की भी मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक, एक्सेल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसे गोली लगने के साथ-साथ दस अलग-अलग चोट लगने की बात कही गई है. यानि गोली लगने के बाद भी एक्सेल ने आतंकी से मुकाबला किया था जिसके चलते उसे ये चोटें आई हैं.
खास है सेना की डॉग स्क्वाड
सेना की डॉग स्क्वाड में करीब 1500 कुत्ते हैं. इन सभी की ट्रेनिंग मेरठ स्थित आरवीसी सेंटर में होती है. इन डॉग्स में जर्मन शेफर्ड, लेबराडॉग, बेल्जियम मेलिनोइस और देशी हैं. इन डॉग्स को सरहद पर जवानों के साथ पैट्रोलिंग से लेकर काउंटर-टेरिरज्म और एंटी-इनसर्जेंसी ऑपरेशन के लिए तैयार किया जाता है. इन डॉग्स को बम निरोधक दस्ते में भी शामिल किया जाता और बम व आईईडी को सूंघने की खास ट्रेनिंग दी जाती है. संदिग्ध लोगों को भी ये तुरंत पहचान लेते हैं और उनपर तुरंत हमला कर देते हैं.
दो साल का था एक्सेल
सेना की आरआर फोर्स की पूरी एक अलग डॉग स्क्वाड है जो काउंटर इनसर्जेंसी एंड काउंटर टेरेरिज्म यानि सीआई-सीटी ऑपरेशन में सैनिकों के साथ रहती है. बिल्डिंग में छिपे आतंकी (Terrorist) हो या रोड ओपनिंग के दौरान आईईडी-बमों (IED) का पता लगाना हो उनमें इस डॉग स्क्वाड (Dog Squad) का इस्तेमाल किया जाता है. शनिवार को बारामूला में सर्वोच्च बलिदान देने वाले एक्सेल (Axel) की उम्र करीब दो साल थी और वो कश्मीर (Kashmir) में सेना (Army) की 26 आर्मी डॉग यूनिट का हिस्सा था.
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