Military Exercise: अफगानिस्तान में तालिबान के एक बार फिर से कब्जा करने और अमेरिकी सेना के देश वापस लौटने के साथ ही भारत ने मध्य एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में भारतीय सेना की एक टुकड़ी युद्धभ्यास के लिए मध्य-एशियाई देश, कजाकिस्तान पहुंच गई है.


जानकारी के मुताबिक, भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच 31 अगस्त से 13 सितबंर के बीच ये साझा एक्सरसाइज कजाकिस्तान के तराज़ मिलिट्री एरिया में हो रहा है. इस युद्धभ्सास का नाम 'काजइंड-2021' है. 


भारतीय सेना की बिहार रेजीमेंट की एक टुकड़ी इस युद्धभ्यास के लिए 30 अगस्त यानि सोमवार को तराज़ हवाई अड्डे पर पहुंच गई थी. तराज किर्गिस्तान से लगा इलाका है. भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान इस टुकड़ी को लेकर तराज़ पहुंचा था. तराज़ पहुंचने पर कजाकिस्तान में भारत के डिफेंस अटैचे और कजाकिस्तान की सेना के बड़े सैन्य अधिकारियों ने भारतीय सैनिकों का स्वागत किया.


खास बात ये है कि वायुसेना का सी-17 विमान सैनिकों को तराज़ छोड़ने के बाद उजबेकिस्तान, तुर्कमिनिस्तान और ईरान के हवाई-मार्ग से भारत पहुंचा. विमान ने अफगानिस्तान की एयर-स्पेस का इस्तेमाल नहीं किया.


भारत और कजाकिस्तान के बीच ये पांचवा साझा युद्धभ्यास है. इसके अलावा दोनों देशों की सेनाएं शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानि एससीओ मल्टीनेशन एक्सरसाइज में भी हिस्सा लेती हैं.


काजइंड एक्सरसाइज के दौरान भारत और कजाकिस्तान की सेनाएं काउंटर इनसर्जेंसी और काउंटर टेरेरिज्म ड्रिल में हिस्सा लेंगी. इस युद्धभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच मिलिट्री-डिप्लोमेसी को बढ़ावा देना, आपसी सामंजस्य और सैन्य सहयोग बढ़ाना है.


पिछले कुछ सालों में भारत ने मध्य एशियाई देश, जो पूर्व में सोवियत संघ का हिस्सा रहे हैं उनसे काफी रक्षा सहयोग बढ़ाया है. इसी साल मार्च के महीने में भारत और उजबेकिस्तान की सेनाओं ने उत्तराखंड में चौबटिया (रानीखेत) में भी 'डस्टलिक' एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था.



सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार 9 जजों ने एक साथ ली शपथ, देखिए लिस्ट


Taliban’s New Administration: अमेरिका के जाने के बाद तालिबान के नए प्रशासन में किसे मिली कौन सी जिम्मेदारी?