Indian Army: पिछले साल अक्टूबर महीने में लद्दाख के माउंट कुन पर हिमस्खलन के बाद तीन सैनिक लापता हो गए थे. उस घटना के नौ महीने बाद अब सेना के उन तीनों जवानों का शव बरामद कर लिया गया है. उस समय 38 सैनिक हिमस्खलन की चपेट में आये थे, जिसमें से एक की मौत उसी समय हो गई थी और तीन लापता थे. बाकी सैनिकों को बचा लिया गया था.
माउंट कुन शिखर से वापस लाने का मिशन
इन सैनिकों को माउंट कुन पर से वापस लाने के ऑपरेशन का नेतृत्व हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के डिप्टी कमांडेंट ब्रिगेडियर एसएस शेखावत ने किया था. ब्रिगेडियर एसएस शेखावत एक अनुभवी पर्वतारोही हैं, जो तीन बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं. उन्होंने इस मिशन को अपने जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण मिशन बताया था.
सेना के 38 जवान हिमस्खलन में फंसे
हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) का 38 सेनाओं का एक जत्था लद्दाख में माउंट कुन पहुंचने के लिए निकला था. यह अभियान 01 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ और टीम को 13 अक्टूबर 2023 तक माउंट कुन पर पहुंचनी की उम्मीद थी. इस मिशन में सेनाओं को वहां की बहुत खराब मौसम की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था.
08 अक्टूबर 2023 को फरियाबाद ग्लेशियर पर कैंप 2 और कैंप 3 के बीच 18,300 फीट से अधिक की ऊंचाई पर बर्फ की दीवार पर रस्सी लगाते समय यह टीम अचानक हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी, जिसके बाद सभी जवान बर्फ के नीचे दब गए थे. ब्रिगेडियर एसएस शेखावत ने बताया, "सेनाओं को बचान के ऑपरेशन में रोज 10-12 घंटों तक खुदाई करते हुए 18,700 फीट तक पहुंची गई. उन्होंने बताया कि यह मिशन शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण था."
ये जवान हो गए थे लापता
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सेना के जिन जवानों का शव बरादम किया गया है, उनका नाम हवलदार रोहित कुमार, हवलदार ठाकुर बहादुर आले और नायक गौतम राजवंशी है. इस हादसे में मारे गए चौथे सैनिक लांस नायक स्टैनजिन टार्गैस का शव हादसे के बाद ही बरामद कर लिया गया था.