नई दिल्ली: मंगलवार देर रात भारत ने पीएलए सेना के उस सैनिक को चीन को वापस लौटा दिया जो सोमवार को भटककर भारतीय सीमा में आ गया था. चीनी सैनिक को पूर्वी लद्दाख से सटी‌ एलएसी पर चुशूल-मोल्डो बीपीएम-हट में चीनी सेना को सौंप दिया गया.


इससे पहले मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत से इस बात का जवाब मांगा था कि पीएलए सैनिक को कब वापस भेजा जाएगा. पीएलए सैनिक को वापस लौटाने के बाद चीनी मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स ने भी इस बात की तस्दीक की कि सैनिक को वापस भेज दिया गया है.


आपको बता दें कि भारत ने चीन के सैनिक को ठीक उस दिन वापस किया जब आज ही के दिन ठीक 61 साल पहले पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग इलाके में पैट्रोलिंग करते वक्त चीन की पीएलए सेना ने भारत के दस (10) जवानों की निर्मम हत्या कर दी थी. ये सभी जवान सीआरपीएफ के थे. इस घटना की याद में हर साल 'पुलिस दिवस' मनाया जाता है.


आपको बता दें कि एलएसी पर चल रही तनातनी के बीच सोमवार को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में एक चीनी सैनिक भटक कर भारत की सीमा में आ गया था. चीनी सेना को दावा था कि पीएलए सैनिक एक स्थानीय चरवाहे के याक को ढूंढते हुए भारतीय सीमा में दाखिल हो गया था. पीएलए सेना के आग्रह पर भारत चीनी सैनिक को वापस भेजने के लिए तैयार हो गया था.


भारतीय सेना ने सोमवार को ही बयान जारी कर बताया था कि पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) सैनिक की पहचान कॉरपोरल वांग या लॉन्ग के रूप में हुई है. सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए सैनिक के पास से पीएलए सेना का एक आई-कार्ड और कुछ सिविल दस्तावेज भी बरामद हुए. वांग चीनी सेना की आर्मरी विंग से ताल्लुक रखता है और स्मॉल आर्म्स यानि पिस्टल, राइफल इत्यादि रिपेयर का काम करता है.


सूत्रों के मुताबिक, सेना और इंटेलीजेंस एंजेंसियों ने भी उससे पूछताछ की थी. क्योंकि दोनों देशों के बीच पिछले पांच महीने से एलएसी पर तनाव बरकरार है. ऐसे में उसके जासूस होने का भी खतरा था. लेकिन पूछताछ के बाद साफ हो गया कि वो वाकई भटककर भारत की सीमा में पहुंच गया था. क्योंकि दोनों देशों के बीच सीमा डिमार्केटेड नहीं है और एक बड़ा इलाका खाली है इसलिए भटकने का खतरा बना रहता है.


भारतीय सेना ने चीनी सैनिक को हाई-आल्टिट्यूड और विपरीत मौसम (सर्द मौसम) से बचाने के लिए ऑक्सीजन, गर्म कपड़े, खाना और दूसरी मेडिकल सुविधाए प्रदान की गई थी. इसी दौरान चीन की पीएलए सेना की तरफ से भी एक लापता सैनिक की जानकारी भारतीय सेना को दी गई. इसी क्रम में मंगलावर देर रात प्रोटोकॉल के तहत चुशूल-मोल्डो मीटिंग पॉइंट पर चीनी सैनिक को पीएलए के अधिकारियों को सौंप दिया गया.


आपको बता दें कि पिछले छह महीने से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी‌ एलएसी पर टकराव चल रहा है. दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में बड़ा हिंसक संघर्ष भी हो चुका है और कई बार हवाई फायरिंग भी हो चुकी है. तनाव खत्म करने के लिए सात बार दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की बैठक हो चुकी है. लेकिन टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. माना जा रहा है कि आठवे दौर की मीटिंग भी इसी हफ्ते होनो जा रही है.


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