वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर भारत और चीन के बीच नौवें दौर के कॉर्प्स कमांडर स्तर की रविवार को हुई करीब 17 घंटे लंबी मैराथन बैठक सकारात्मक रही. भारतीय सेना के पीआरओ की तरफ से सोमवार को कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच चीन की तरफ मोल्डो-चुशुल सीमा पर हुई बैठक में एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर गहरी चर्चा हुई.


भारतीय सेना की तरफ से आगे कहा गया- दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि इस बार की बैठक पॉजिटिव, प्रैक्टिल और कंस्ट्रक्टिव रही. इससे आपसी विश्वास बहाली और समझ को बढ़ाने में मदद मिलेगी. दोनों पक्ष जल्द अग्रिम ठिकानों से सैनिकों को जल्द वापस बुलाने पर भी सहमत हुए.





इससे पहले,  सिक्किम के नाकू ला में 20 जनवरी को भारतीय सेना के साथ हुए टकराव के बाद चीन ने कहा कि वह सीमा पर शांति बरकरार रखने को लेकर प्रतिबद्ध है. भारतीय सेना के साथ झड़प के बाद पीछे हटने के मजबूर हुए चीन ने सोमवार का कहा कि वह सीमा पर शांति को लेकर प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही, उसने भारत को एक तरफा कोई कार्रवाई ना करने को कहा है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया- हमारे जवान सीमा पर भारत-"चीन सीमा क्षेत्र में शांति बरकरार रखने को लेकर प्रतिबद्ध है. चीन, भारत ये यह अपील कर रहा है कि किसी भी ऐसी एकतरफा कार्रवाई से बचे जिससे सीमा पर स्थिति बिगड़ जाए. सीमाई इलाकों में शांति बहाल रखने के लिए कदम उठाएं."


इससे पहले, भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि उत्तरी सिक्किम के नाकू ला इलाके में 20 जनवरी को भारत और चीन के सैनिकों के बीच ‘मामूली तनातनी’ हो गई थी जिसे निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय कमांडरों द्वारा सुलझा लिया गया. उल्लेखनीय है कि यह घटना पिछले साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध के बीच हुई है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारतीय सेना ने संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘ यह स्पष्ट किया जाता है कि उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में 20 जनवरी को ‘मामूली तनातनी’ हुई थी जिसे निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय कमांडरों ने सुलझा लिया. मीडिया से अनुरोध है कि इसे तूल देने या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से बचे जो तथ्यात्मक रूप से गलत है.’’ घटना की जानकारी रखने वालों ने बताया कि चीन के सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार कर भारतीय इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें रोक दिया. उनका कहना है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच झगड़ा भी हुआ था.

उल्लेखनीय है कि नाकू ला वही स्थान है जहां पिछले साल 9 मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग लेक इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी और तब से अब तक करीब नौ महीने से वहां सैन्य गतिरोध जारी है. इस बीच, पूर्वी लद्दाख के सभी तनाव वाले इलाकों से सैनिकों की वापसी के उद्देश्य से रविवार को भारत और चीन की सेनाओं के बीच एक और दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई.

ये भी पढ़ें: सिक्किम में भारतीय सेना से टकराव के बाद पीछे हटने को मजबूर हुआ चीन, कहा- हमारी सेना सीमा पर शांति को लेकर प्रतिबद्ध