नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच भारतीय सेना ने चीन से अपना रुख साफ कर दिया है. सेना ने कहा कि अगर चीन युद्ध के हालात पैदा करता है तो उसे पहले से ज्यादा प्रशिक्षित, तैयार और मानसिक रूप से मजबूत भारतीय जवानों का सामना करना पड़ेगा.


सेना ने एक बयान में कहा कि शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत भारतीय सैनिकों के मुकाबले अधिकतर चीनी सैनिक शहरी इलाकों से आते हैं. वे जमीनी हालात की दिक्कतों से वाकिफ और लंबे समय तक तैनात रहने के आदी नहीं होते.


सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय ने ये बातें चीन के आधिकारिक मीडिया प्लेटफॉर्म 'ग्लोबल टाइम्स' की उस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहीं, जिसमें कहा गया था कि भारत सर्दियों में प्रभावी ढंग से लड़ाई नहीं लड़ पाएगा.


उत्तरी कमान के प्रवक्ता ने कहा, ''यह घमंड का जीता जागता उदाहरण है. भारतीय सेना सर्दी में भी पूर्वी लद्दाख में आर-पार की जंग लड़ने के लिये पूरी तरह तैयार है.''


प्रवक्ता ने कहा, ''भारत एक शांतिप्रिय देश है और पड़ोसियों से अच्छे संबंध रखना चाहता है. भारत हमेशा संवाद के जरिये मुद्दों के समाधान को तरजीह देता है. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद हल करने को लेकर बातचीत जारी है. जहां तक सेना की बात है, तो वह लंबे गतिरोध के लिये तैयार है.''


बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच सेना ने लद्दाख में लंबी सर्दी के लिए पूरी तैयारी कर ली है. भारत-चीन दोनों देशों ने भारी संख्या में अपने सैनिकों की मौजूदगी लद्दाख में बढ़ाई है.


कल ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा था कि हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ वह सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है.


राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए. हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे. हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है.’’


लद्दाख में लंबे मोर्चे ही नहीं सर्दियों के युद्ध के लिए भी है भारत की तैयारी