Chinese telecom equipment: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना ने चीन में बने आधुनिक इक्विपमेंट्स बरामद किए हैं. अधिकारियों ने बताया कि चाइनीज टेलीकॉम इक्विपमेंट्स की बरामदगी हुई है जिन्हें 'अल्ट्रा सेट' के तौर पर जाना जाता है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि यह इक्विपमेंट्स पाकिस्तानी सेना इस्तेमाल करती है, जो आतंकवादी समूहों के हाथों में चला गया. जो लाइन ऑफ कंट्रोल की सुरक्षा के मद्देनजर भारत के लिए काफी चिंताजनक जरूर है.


पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि इससे नियंत्रण रेखा के पार से होने वाली घुसपैठ और शहरों गांवों के बाहरी इलाकों में आतंकवादियों के संभावित रूप से रहने की चिंता भी पैदा हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर से आतंकवादियों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल हैंडसेट जब्त किए गए हैं. इन सबसे संकेत मिलता है कि आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान में स्टेट एक्टर्स से ट्रेनिंग, हथियार और गोला-बारूद मिल रहा है.


आतंकियों से बरामद हुए हैंडसेट का इस्तेमाल करती है पाक सेना


चीनी कंपनियों की ओर से इस तरह के स्पेशल हैंडसेट पाकिस्तानी सेना के लिए तैयार किए जाते हैं. हालांकि, पिछले साल 17-18 जुलाई को जम्मू इलाके के पुंछ जिले के सुरनकोट से गोलीबारी के बाद ये बरामद किए गए थे. जबकि, इसी साल 26 अप्रैल को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के चेक मोहल्ला नौपोरा इलाके में एक एनकाउंटर के बाद इन्हें जब्त किया गया था.


"अल्ट्रा सेट" हैंडसेट आतंकियों से हुए बरामद


सुरनकोट में आतंकियों और सेना के बीच हुई मुठभेड़ में चार विदेशी आतंकवादी मारे गए थे, जबकि सोपोर में दो को मार गिराया गया था. जिसके बाद ये चाइनीज टेलीकॉम इक्विपमेंट्स "अल्ट्रा सेट" हैंडसेट, जो पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण में भी पाए गए हैं. ये खासतौर पर सेल-फोन क्षमताओं को स्पेशल रेडियो इक्विपमेंट्स के साथ जोड़ते हैं, जो ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल (जीएसएम) जैसी मोबाइल टेक्नोलॉजी पर निर्भर नहीं होते हैं.


हर "अल्ट्रा सेट" बॉर्डर पार कंट्रोल स्टेशन से जुड़ा होता


अधिकारियों ने बताया कि यह इक्विपमेंट्स संदेश प्रेषण और प्राप्ति के लिए रेडियो तरंगों पर काम करता है, और हर "अल्ट्रा सेट" सीमा पार स्थित नियंत्रण स्टेशन से जुड़ा होता है. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों "अल्ट्रा सेट" एक-दूसरे तक नहीं पहुंच सकते. उन्होंने कहा कि इन संदेशों को हैंडसेट से पाकिस्तान स्थित मास्टर सर्वर तक पहुंचाने के लिए चीनी सैटेलाइट का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें बाइट्स में दबाया जाता है.


LOC पर चीन कर रहा पाकिस्तानी सेना को मदद


अधिकारियों का कहना है कि ये चीन की ओर से अपने सहयोगी पाकिस्तान को दी जा रही एक और मदद है. हालांकि, बीजिंग काफी समय से नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की रक्षा क्षमताओं को सक्रिय रूप से बढ़ा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि चीन की मदद से पाकिस्तानी सेना स्टीलहेड बंकरों का निर्माण, मानवरहित हवाई और लड़ाकू हवाई वाहनों की व्यवस्था, एन्क्रिप्टेड संचार टावरों की स्थापना और अंडरग्राउंड फाइबर केबल बिछाना शामिल है.


ये भी पढ़ें: Lok Sabha Session: कल से शुरू होगा 18वींं लोकसभा का पहला सत्र, पीएम मोदी समेत 280 सांसद लेंगे शपथ