मशीन में कट गया था जवान का हाथ, जख्मी हालत में ही 4 घंटे का सफर करके लद्दाख से दिल्ली पहुंचा
भारतीय वायु सेना ने सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आपात स्थिति में मरीज को विमान से दिल्ली लाने के बारे में पोस्ट किया और एक अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीज की एक तस्वीर भी पोस्ट की.
लद्दाख में भारतीय सेना के एक जवान का मशीन चलाते हुए हाथ कट गया, जिसके बाद उसे भारतीय वायु सेना के विमान सी-130जे से रात को दिल्ली के एक अस्पताल लाया गया. अधिकारियों ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को बताया कि यहां सेना के रिसर्च रेफरल (R and R) हॉस्पिटल में जवान की आपात सर्जरी की गई और उसके कटे हुए हाथ को वापस जोड़ दिया गया.
सूत्रों ने बताया कि यह घटना बुधवार को हुई. घायल जवान को पहले लेह हवाई अड्डे लाया गया और वहां से सुपर हरक्यूलस विमान से उसे दिल्ली में पालम वायु सेना स्टेशन लेकर पहुंचा. एक सूत्र ने बताया कि लेह हवाई अड्डे से दिल्ली लाने में करीब चार घंटे का वक्त लगा और सेना और वायु सेना के बीच बेहतर समन्वय ने यह सुनिश्चित किया कि घायल जवान का हाथ वापस जोड़ने के लिए उसकी अहम सर्जरी समय पर की जा सके.
भारतीय वायु सेना ने शुक्रवार को सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आपात स्थिति में मरीज को विमान से दिल्ली लाने के बारे में पोस्ट किया और एक अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीज की एक तस्वीर भी पोस्ट की. उसने पोस्ट किया, 'भारतीय सेना के एक जवान का अग्रिम इलाके में स्थित एक इकाई में एक मशीन चलाते वक्त हाथ कट गया. उसके कटे हुए हाथ को जोड़ने के लिए आपातकालीन सर्जरी में छह से आठ घंटे का वक्त दिया गया, जिसे देखते हुए भारतीय वायु सेना के सी-130जे विमान को जवान को दिल्ली स्थित आर एंड आर अस्पताल में सर्जरी के लिए लाने के वास्ते एक घंटे के भीतर रवाना किया गया.'
भारतीय वायु सेना के अधिकारी ने बताया कि घने अंधेरे में विमान से मरीज को लाया गया और इसमें अंधेरे में भी देखने में सक्षम (नाइट विजन) चश्मों का इस्तेमाल किया गया. वायु सेना ने अपने पोस्ट में लिखा, 'भारतीय वायु सेना द्वारा लद्दाख सेक्टर से अंधेरे में विमान से समय पर लाने के कारण घायल जवान को तुरंत चिकित्सीय उपचार मिला. चिकित्सा कर्मियों के एक समर्पित दल ने सफल सर्जरी की और जवान अब स्वस्थ हो रहा है.' भारतीय वायु सेना ने अप्रैल 2023 में संघर्षग्रस्त सूडान से लोगों को लाने के लिए चलाए एक अभियान के दौरान सी-130जे विमान का इस्तेमाल किया था और उसके चालक दल के सदस्यों ने घने अंधेरे के कारण नाइट विजन चश्मों का इस्तेमाल किया था.