सरहदों के लिए नया ड्रोन किलर हासिल करने में जुटी सेना, देसी तकनीक पर है जोर
ड्रोन किल सिस्टम 4500 मीटर की उंचाई पर उड़ने वाले किसी भी मानव रहित विमान को मार गिराने में सक्षम होगा. इसे स्वदेशी तकनीक से बनाया जा रहा है.
नई दिल्ली: ड्रोन भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती खड़ी कर रहे हैं. खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों नें बीते कुछ वक्त के दौरान ड्रोन से जासूसी ही नहीं नशीली दवाओं और हथियारों की डिलिवरी किए जाने के मामले भी सामने आए हैं. इस खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना ने एक नए ड्रोन किल सिस्टम प्रोजेक्ट पर काम कर रही है.
स्वदेशी तकनीक से बनाए जाने वाला प्रस्तावित ड्रोन किल सिस्टम 4 किमी के दायरे और 4500 मीटर की उंचाई पर उड़ने वाले किसी भी मानव रहित विमान को मार गिराने में सक्षम होगा.
सेना मुख्यालय के मुताबिक बीते कुछ वक्त के दौरान ड्रोन प्रणालियां एक नए और बड़े हवाई खतरे के तौर पर सामने आई हैं. यह खतरा आकार में छोटा और बहुत घातक हो सकता है. ऐसे में इस बात की जरूरत है कि एक ऐसा अचूक प्रहार तंत्र हो जो इनके खतरे को प्रभावी तौर पर खत्म कर सके. इस प्रणाली के विकास का काम सेना का एयर डिफेंस विंग उद्योग क्षेत्र के साथ मिलकर करेगा.
भारतीय सेना की तरफ से जारी दस्तावेज आर्मी मेक प्रोजेक्ट 2020 के मुताबिक ड्रोन किल सिस्टम के लिए व्यवहार्यता स्टडी अंतिम दौर में है. इसके मुताबिक सेना को जरूरत ऐसे सिस्टम की है जो 6 किमी के दायरे में किसी भी ड्रोन की जानकारी ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम को भेज सके. इतना ही नहीं 4 किमी के दायरे में आने वाले ड्रोन को मार गिराने की क्षमता रखता हो.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सेना 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से वार करने में सक्षम और 350 किमी प्रति घंटा की गति से डाइव लगा सकने वाला ड्रोन किलर चाहती है. फिलहाल सेना की योजना 50-60 ड्रोन किल सिस्टम हासिल करने की है जो समुद्र तल से 4500 मीटर ऊंचे सरहदी इलाकों में भी आसानी से तैनात किए जा सकें. योजना के मुताबिक सेना अपने डिजाइन ब्यूरो और देसी रक्षा उत्पादकों की मदद से इस प्रणाली को विकसित करना चाहती है.
महत्वपूर्ण है कि बीते दिनों पंजाब, जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन गतिविधियों में खासा इजाफा हुआ है. जून 2020 में भारतीय सुरक्षा बलों ने हथियार डिलिवरी और जासूसी करने आए एक पाकिस्तानी ड्रोन को जम्मू के कठुआ इलाके में बॉर्डर आउटपोस्ट के करीब मार गिराया था. इतना ही नहीं कुछ सप्ताह पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने चीन की तरफ से सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन गितविधियों को लेकर चिंता जताते हुए इनकी रोकथाम के लिए उपाय सुनिश्चित करने के लिए कहा था.
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