नई दिल्ली: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी थलसेना यानी भारतीय सेना को अपना नया हेडक्वार्टर मिलने जा रहा है. 21 फरवरी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली कैंट में नई बिल्डिंग का भूमि-पूजन करेंगे. इस बिल्डिंग को 'थलसेना भवन' के नाम से जाना जाएगा. माना जा रहा है कि ये बिल्डिंग अगले एक साल में बनकर तैयार हो जाएगी.


सेना मुख्यालय के एक वरिष्ठ सैन्य-अधिकारी के मुताबिक सरकार ने राजपथ के करीब जो नया सेंट्रल-विस्टा प्लान तैयार किया है उसमें साउथ ब्लॉक को म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाएगा. ऐसे में साउथ ब्लॉक स्थित (थल) सेना प्रमुख और दूसरे अहम डायरेक्ट्रेट्स को भी इस बिल्डिंग को खाली करना होगा. इसीलिए अब थलसेना के लिए नया मुख्यालय बनाने की तैयारी है.


थलसेना प्रमुख के साथ-साथ साउथ ब्लॉक स्थित डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स), एमएस (मिलिट्री सेक्रेटरी) ब्रांच, एडज्युटेंट ब्रांच (एजी ब्रांच), वॉर-रूम भी यहां से नए 'थलसेना भवन' में शिफ्ट हो जाएंगे. जानकारी के अनुसार नए थलसेना भवन की जरूरत इसलिए भी पड़ी है क्योंकि अभी सेना की कई ब्रांच और बड़े सैन्य अधिकारियों के दफ्तर राजधानी दिल्ली की अलग-अलग बिल्डिंग में स्थित हैं. ऐसे में अब सभी इस नए थलेसना भवन में एक जगह मौजूद होंगे.


बता दें कि सरकार ने राजपथ के आस-पास जितनी भी ब्रिटिश कालीन बिल्डिंग हैं, उन्हें म्यूजियम में तब्दील करने का फैसला लिया है. ऐसे में संसद सहित नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में जितने भी मंत्रालय और विभाग हैं, उन्हें यहां से नई इमारतों में शिफ्ट किया जा रहा है. ये नई इमारतें राजपथ के दोनों तरफ बनेंगी. उसी कड़ी में नया थलसेना भवन तैयार किया जा रहा है.


सूत्रों की मानें तो साउथ ब्लॉक के करीब जो मौजूदा सेना-भवन है उसे ट्राई-सर्विस यानि तीनों सेनाएं का साझा ऑफिस बनाया जाएगा. अभी इस सेना भवन में थलसेना और नौसेना के दफ्तर हैं लेकिन नौसेना प्रमुख और वरिष्ठ नेवल अफसरों के दफ्तर साउथ ब्लॉक में स्थित हैं. नौसेना के नए मुख्यालय का भूमि-पूजन कुछ साल पहले सेना भवन के सामने हुआ था लेकिन अभी तक बिल्डिंग बनकर तैयार नहीं हुई है. वायुसेना मुख्यालय भी फिलहाल साउथ ब्लॉक के बेहद करीब रफी मार्ग पर है और वायुसेना प्रमुख सहित सभी वरिष्ठ एयर ऑफिसर्स के ऑफिस वहीं स्थित हैं.


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