Jammu and Kashmir: कुपवाड़ा में भारी बर्फबारी और ठंड के बावजूद ड्यूटी पर मुश्तैद हैं भारतीय सेना के जवान, ड्रोन से दुश्मनों पर नजर
Jammu and Kashmir: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा का केरन सेक्टर (Keran Sector) में बर्फ और ठंड का प्रकोप जारी है.

Jammu and Kashmir: पूरा देश जहां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी में है वही सेना के जवान आज भी सीमाओं पर देश की रक्षा में डटे हैं. देशवासी दिल्ली में राजपथ पर होने वाली सैन्य परेड में दर्शाने वाली सैन्य शक्ति और थल, जल और वायु सेना के जवानो के मार्च देखेंगे. वहीं देश के उन जवानों के लिए आज का दिन भी आम दिनों जैसा है जो बर्फ और ठंड के बीच कश्मीर की LOC पर तैनात हैं. ABP न्यूज़ के संवादाता उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर (Kupwara Sector) में पहुंचे जहां देश की सुरक्षा में जवान मौसम की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. वही ड्रोन के जरिए दुश्मन की हरकतों पर भी नजर रखी जा रही है.
भारी बर्फबारी के बीच भी जवान तैनात
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा का केरन सेक्टर (Keran Sector) में बर्फ और ठंड का प्रकोप जारी है. समुंदर से 10 हज़ार से 12 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर बसे इस क्षेत्र में हर तरफ भारी बर्फबारी (Heavy Snowfall) हो रही है. पहाड़, जंगल से लेकर सड़क तक सब कुछ बर्फ की सफेद चादर के नीचे दबा है. वही कड़ाके की ठंड और मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद भी सीमा पर तैनात जवानों के लिए कुछ नहीं बदला है और यहां आज भी वान बर्फ के बीच देश की रक्षा में जुटे हैं.
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से निगरानी बढ़ी
सीमा पर तैनात जवानों के लिए मौसम या हालात के चलते कुछ नहीं बदलता है. दिन हो या रात सीमा के इन इलाकों में न ही पेट्रोलिंग रूकती है और ना ही दुश्मन पर से ध्यान भटकता है. अब तो जवानों की मदद से बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. जहां एक तरफ ड्रोन से सीमा पर नजर रखी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ स्नो स्कूटर से भी बर्फीले पहाड़ों पर जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं.
ड्रोन के जरिए दुश्मन पर नजर
ड्रोन (Drone) के आने से जवानों को इमरजेंसी की स्थिति और घुसपैठ से निपटने में बहुत मदद मिलती है. 18 किलो वजन के ड्रोन जो हवा में 15 से 45 मिनट तक के जरिए नजर रखी जा रही है. 15 किलोमीटर की दूरी को ये ड्रोन पांच मिनट में पूरा कर सकते हैं और 30 किलो तक का सामान ले जा सकते हैं. कुछ ड्रोन की मदद से घुसपैठियों को निशाना बनाने के लिए हथियार भी लगाए गए हैं तो पलक झपकते ही दुश्मन का काम तमाम करने में सक्षम हैं.
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