Indian billiniors wealth: कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के अरबपतियों की कुल संपत्ति बढ़कर दोगुने से अधिक हो गई और 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 25 साल तक देश के हर बच्चे को स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा देने के लिए पर्याप्त है. एक स्टडी में ये खुलासा हुआ है. इस स्टडी के मुताबिक इस दौरान भारत में अरबपतियों की संख्या 39 प्रतिशत बढ़कर 142 हो गई.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन के पहले दिन जारी ऑक्सफैम इंडिया की वार्षिक असमानता सर्वेक्षण में कहा गया कि, अगर सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों पर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगा दिया जाए, तो देश को लगभग 17.7 लाख अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर मिल सकते हैं.
रोज खर्च करें 10 लाख डॉलर तब भी 84 साल में खत्म होगी संपत्ति
आर्थिक असमानता पर ऑक्सफैम की रिपोर्ट में आगे कहा गया कि, 142 भारतीय अरबपतियों के पास कुल 719 अरब अमेरिकी डॉलर (53 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्ति है. देश के सबसे अमीर 98 लोगों की कुल संपत्ति, सबसे गरीब 55.5 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगर 10 सबसे अमीर भारतीय अरबपतियों को प्रतिदिन 10 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च करने हों तो उनकी वर्तमान संपत्ति 84 साल में खत्म होगी.
10 फीसदी लोगों को मिला कुल संपत्ति का 45 फीसदी हिस्सा
ऑक्सफैम ने कहा कि, इन अरबपतियों पर वार्षिक संपत्ति कर लगाने से हर साल 78.3 अरब अमेरिकी डॉलर मिलेंगे, जिससे सरकारी स्वास्थ्य बजट में 271 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की शुरुआत एक स्वास्थ्य संकट के रूप में हुई थी, लेकिन अब यह एक आर्थिक संकट बन गया है. महामारी के दौरान सबसे धनी 10 प्रतिशत लोगों ने राष्ट्रीय संपत्ति का 45 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया, जबकि नीचे की 50 प्रतिशत आबादी के हिस्से सिर्फ छह प्रतिशत राशि आई. स्टडी में सरकार से राजस्व सृजन के अपने प्राथमिक स्रोतों पर फिर से विचार करने और कराधान के अधिक प्रगतिशील तरीकों को अपनाने का आग्रह किया गया.
कांग्रेस ने कहा - ये है मोदी जी का भारत
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर जमकर हमला बोला. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर ये रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा कि, "आय का इतना भेदभाव किसी भी प्रजातांत्रिक देश के लिए ख़तरनाक है. ये है मोदी जी का भारत! गांधी जी के सपनों का देश नहीं! सोचो देशवासियो! 84% भारतीयों की आय कम हो गई... 100 सबसे अमीर लोगों की आय ₹57.30 लाख करोड़ बढ़ गई… यही है मोदी जी का न्यू इंडिया"