वैक्सीन विवाद: भारत का ब्रिटेन को करारा जवाब, इंडिया आने वाले ब्रिटिश यात्रियों को रहना होगा क्वारंटीन
ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की एयरपोर्ट पर कोरोना जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किए जाएंगे. इसके अलावा ब्रिटिश नागरिकों को भारत में आने के 8 दिनों के बाद दोबारा आरटी-पीसीआर कराना होगा.
भारत ने ब्रिटेन को करारा जवाब दिया है. भारत की कोविड-19 वैक्सीन को मान्यता न देने वाले ब्रिटेन पर अब भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की है. भारतीय सरकार ने घोषणा करते हुए शुक्रवार को बताया कि 4 अक्टूबर से ब्रिटेन से भारत आने वाले सभी यात्रियों को भारत में 10 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा. इसके अलावा ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की एयरपोर्ट पर कोरोना जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किए जाएंगे. इसके अलावा ब्रिटिश नागरिकों को भारत में आने के 8 दिनों के बाद दोबारा आरटी-पीसीआर कराना होगा.
कोविशील्ड को नहीं दी मान्यता
कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एस्ट्रेजेनेका के साथ मिलकर किया है. इस वैक्सीन का बड़े तादाद में उत्पादन भारत में सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा किया जा रहा है. कोरोना के खिलाफ इस जंग को मजबूती के लिए भारत, ब्रिटेन समेत दुनिया के कई दशों में इस वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है. इसके प्रयोग के बावजूद ब्रिटेन ने भारत में उत्पादित हो रही इस वैक्सीन को अपने देश में मान्यता देने से इन्कार कर दिया है.
ब्रिटेन में भारतीय को रहना होगा क्वारंटीन
ब्रिटेन ने अपने यहां इस बात का ऐलान कर दिया है कि 4 अक्टूबर के बाद वहां उन लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा जिन्होंने मॉडेर्ना, ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका या फाइजर बायोनटेक की कोविड-19 वैक्सीन की डोज लगा रखी हो. चौंकाने वाली बात यह है कि ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की ओर से निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन ने मान्यता देने से इन्कार कर दिया है.
ब्रिटेन ने साफ कह दिया है कि इन तीन वैक्सीन के अलावा अगर कोई व्यक्ति कोई वैक्सीन लेकर ब्रिटेन पहुंचता है तो उसे एयरपोर्ट पर आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा. इसके अलावा यात्री को अपने 72 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव दिखानी होगी, और 10 दिनों के लिए क्वारंटीन रहना होगा.
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