India Canada Relations: खालिस्तान के मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव जारी है. खालिस्तानी लगातार भारत को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और जस्टिन ट्रूडो इसका समर्थन कर रहे हैं. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ने वाले ट्रूडो को भारत ने भी करारा जवाब दिया है. भारत से कनाडा के उच्चायुक्त को वापस जाने का अल्टीमेटम दे दिया है और कनाडा से भारत के उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है.


कूटनीतिक स्तर पर टॉप डिप्लोमेट्स को हटाना काफी कड़ा कदम माना जा रहा है. कनाडा को अमेरिका और ब्रिटेन जैसे मजबूत देशों का साथ मिला हुआ है, यही वजह है कि उसने कभी सैन्य शक्ति पर ज्यादा खर्चा नहीं किया. वर्ड वॉर के दौरान 1968 में जो फोर्स बनी उसे ही कनाडियन आर्म्ड फोर्स कहा गया. बाकी देशों की तरह कनाडा की सेना के भी तीन हिस्से हैं, जो जमीन, पानी और हवा में लड़ने के लिए ट्रेन्ड है.


भारत के सामने कहां ठहरता है कनाडा?


आर्मी की ताकत का अंदाजा लगाने वाले ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (जीपीएफ) इंडेक्स 2024 के मुताबिक, भारत के सामने कनाडा कहीं नहीं ठहरता है. पावर इंडेक्स में दुनिया के 145 देशों में कनाडा की रैंक 27 है तो भारत की रैंक 2 है. मेनपावर के मामले में कनाडा की रैंक 38 है तो भारत की रैंक 2 है. पैरामिलिट्री फोर्स में कनाडा की रैंक 42 है तो भारत की 2.


भारत-कनाडा में से किसकी सेना मजबूत?


सैनिकों की अगर बात करें तो कनाडा के पास लगभग 60 हजार हैं और इसमें भी लगभग 24 हजार फुल टाइम सैनिक हैं. वहीं, भारत के पास 1.4 मिलियन सैनिक हैं. कनाडा का डिफेंस बजट लगभग 27 अरब डॉलर का है तो भारत का 74 अरब डॉलर है.


इसके अलावा परमाणु ताकत से भी किसी देश की ताकत का अंदाजा लगाया जाता है. भारत के पास एडवांस न्यूक्लियर हथियार हैं, जबकि कनाडा में तो 80 के दशक से ही इस ओर काम नहीं किया गया. हालांकि एक संधि के तहत अगर कनाडा के सिर पर कोई खतरा मंडराता है तो बाकी परमाणु शक्ति संपन्न देश उसकी मदद करेंगे.


अगर भारत के साथ युद्ध हुआ तो जीत पाएगा कनाडा?


युद्ध का इतिहास देखें तो कनाडा मबूत नहीं दिखता है. एक तरफ भारत जहां अपनी ताकत के दम पर कई युद्ध जीत चुका है वहीं दूसरी तरफ कनाडा ने अमेरिका और ब्रिटेन के दम पर लड़ाइयों में हिस्सा लिया है. कुल मिलाकर ट्रूडो का कनाडा साइड हीरो है, जो मेन हीरो के दम पर हिट होकर अपनी वाह-वाही करता रहा.


अभी तक भारत के युद्ध के इतिहास को देखें तो पड़ोसी देशों की सीमा शेयर करने वाले देशों के साथ ही युद्ध हुआ है और कनाडा की सीमा भारत से कहीं नहीं लगती तो कनाडा के साथ युद्ध होना लगभग नामुमकिन है. अगर फिर भी ऐसा होता है तो भारत उस पर हावी रहेगा, जब तक कि कोई बाहरी शक्तिशाली देश उसका साथ नहीं देता है. फिलहाल तो भारत को आगे बढ़ते हुए देख कई देश ऐसे हैं जो कनाडा की मदद को आगे आ सकते हैं.


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