नई दिल्ली: प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली. पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज 90 साल के थे. पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने निधन की पुष्टि की है. पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हुआ. उनके पिताजी पंडित मोतीराम मेवाती घराने के संगीतज्ञ थे.


दुर्गा जसराज ने कहा, ''बड़े दुख के साथ हमें यह सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यू जर्सी में सुबह 5:15 बजे अंतिम सांसें लीं.''


पीएम मोदी ने जताया दुख


पंडित जसराज के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा, ''पंडित जसराज जी के निधन से भारतीय सांस्कृतिक क्षेत्र में एक खालीपन आ गया है. न केवल उनकी प्रस्तुतियां उत्कृष्ट थीं, उन्होंने कई अन्य गायकों के लिए एक असाधारण गुरु के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. दुनिया भर में मौजूद उनके प्रशंसकों और परिवार के प्रति संवेदना. ओम् शांति''






रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन से मुझे गहरा दुःख हुआ है. मेवाती घराना से जुड़े पंडितजी का सम्पूर्ण जीवन सुर साधना में बीता. सुरों के संसार को उन्होंने अपनी कला से नए शिखर दिए. उनके जाने से संगीत का बड़ा स्वर मौन हो गया है. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें.


लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने कहा, ''मूर्धन्य गायक, मेवाती घराने के गौरव पद्मविभूषण पंडित जसराज जी नही रहे. आज अमरीका में उन्होंने अंतिम सांस ली. संगीत जगत की अपूरणीय क्षति!विनम्र श्रद्धांजलि! ॐ शांति.''


उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ''आपकी मधुर आवाज़ लाखों श्रोताओं की जीवन रेखा थी ! आपका जाना संगीत की दुनिया में एक बड़ा शून्य बना गया ! सुर सम्राट नहीं रहे !! आप बहुत याद आयेंगे पंडित जसराज !! ईश्वर आपको अपने श्री चरणों में स्थान दें !''


बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने कहा कि शास्त्रीय संगीत के पुरोधा, प्रसिद्ध गायक पण्डित जसराज के निधन की खबर दुखद है. मैं उनको श्रद्धांजलि देता हूं. उनका जाना संगीत के लिए बहुत बड़ी क्षति है.


इस साल जनवरी में अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले पंडित जसराज ने आखिरी प्रस्तुति नौ अप्रैल को हनुमान जयंती पर फेसबुक लाइव के जरिये वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर के लिये दी थी.