Indian Cost Guard Day 2023: विविधताओं से भरा देश भारत, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, जैसलमेर से लेकर इंदिरा प्वांइंट तक विस्तृत से रूप से फैला हुआ है. इसकी समुद्री सीमा 7500 किलोमीटर लंबी है, और कई भागों में फैली हुई है. ऐसे में देश की आजादी के लगभग 30 बरस बाद इन सीमाओं की निगहबानी का जिम्मा भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) को सौंपा गया. 


दरअसल आजादी के बाद से ही देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा का जिम्मा भारतीय नौसेना का था, लेकिन अपने पडोसी देशों से दो युद्ध लड़ने के बाद नीति नियंताओं ने ये सोचा कि क्यों नहीं भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा, निगहबानी, और अन्य समुद्री सीमा से जुड़ी गतिविधियों के लिए एक अलग फोर्स का निर्माण किया जाए जिससे भारतीय नौसेना पर कुछ बोझ कम हो जाए. 


कब हुई स्थापना?
जिससे वह बड़ी सामरिक समुद्री तैयारियों के लिए अपने आपको तैयार कर सके. यही वजह रही कि  ृ1 फरवरी 1977 को रक्षा मंत्रालय के अधीन भारतीय तटरक्षक बल की अंतरिम रूप से स्थापना की गई. जब भारतीय तटरक्षक दल की स्थापना की गई तब उस समय देश समुद्र के माध्यम से भारत के अंदर आने वाली तस्करी ने देश की अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल दिया. इसलिए समस्या का दूर करने के लिए इंडियन नेवी और इंडियन एयरफोर्स की भागीदारी से नागचौधरी समिति का गठन किया गया.


इस समिति की सिफारिश पर 18 अगस्त 1978 को भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना की गई और संसद में एक अधिनियन पारित कर इसे भारत को गैर-सैन्य समु्द्री सेवाएं प्रदान करने के लिए तटरक्षक बल की स्थापना की गई. 


क्या है महत्व?
भारतीय तटरक्षक बल भारत की समुद्री सीमा में प्रवेश करने वाली हर असैन्य सेवाओं की निगरानी करता है. जैसे कि उसका मुख्य काम भारत की समुद्री सीमा में और तट पर किसी भी व्यापारिक गतिविधि जिससे भारत को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रुप से हानि पहुंचती हो, को रोकना है. 


भारतीय नौसेना के मुताबिक राजस्व विभाग (सीमा शुल्क), मत्स्य पालन विभाग, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस सेवाएं सभी तट रक्षकों के साथ क्लोज कोऑर्डिनेशन में काम करते हैं. 


क्या है तटरक्षक बल का मोटो?
भारत के तटरक्षक बल का मोटो वयम् रक्षाम् है. जिसका अर्थ है बचाव के लिए रक्षा करना है. 


क्या बोले अधिकारी? 
भारतीय तटरक्षक बल (आईजीसी) के उत्तर-पूर्व (एनई) क्षेत्र के प्रमुख आई एस चौहान ने मंगलवार को कहा कि समुद्री बल देश में घुसने की आतंकवादियों की कोशिश या वस्तुओं और नशीले पदार्थों की तस्करी समेत समुद्री मोर्चे पर हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार है. 


आईसीजी (एनई) क्षेत्र के महानिरीक्षक ने कहा कि खतरे हमेशा बने रहेंगे, लेकिन इनसे निपटने के लिए हम हैं. वह भारतीय तटरक्षक बल के 47वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर यहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के खिदिरपुर डॉक में आईसीजी पोत विजया पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे.


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