ICMR Clinical Trial Of Contraceptive: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने पुरुषों के लिए इंजेक्शन से ली जाने वाली दुनिया की पहली गर्भनिरोधक दवा का क्लीनिकल परीक्षण पूरा कर लिया है. परीक्षण से पता चला है कि यह बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के सुरक्षित और काफी प्रभावकारी है.
पांच राज्यों के अलग-अलग सेंटरों पर किया गया क्लीनिकल ट्रायल
तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण का निष्कर्ष पिछले माह ‘एंड्रोलॉजी जर्नल’ में प्रकाशित हुआ. परीक्षण में 25-40 वर्ष की आयु के 303 प्रतिभागी शामिल हुए थे. बहु-केंद्र वाले अस्पताल-आधारित फेज थर्ड के क्लीनिकल परीक्षण 5 अलग-अलग केंद्रों (नई दिल्ली, उधमपुर, लुधियाना, जयपुर और खड़गपुर) में किए गए और आईसीएमआर, नई दिल्ली की ओर से कॉर्डिनेट किए गए.
फेज थर्ड के क्लीनिकल परीक्षण आयोजित करने की अनुमति भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) की ओर से दी गई थी और संबंधित केंद्रों की संस्थागत नैतिक समितियों ने इसका अनुमोदन किया था.
इतने लोगों पर हुआ क्लीनिकल परीक्षण
स्टडी में 303 स्वस्थ, यौन रूप से सक्रिय और विवाहित पुरुषों और उनकी स्वस्थ और यौन रूप से सक्रिय पत्नियों ने हिस्सा लिया. ये प्रतिभागी नसबंदी के लिए परिवार नियोजन क्लीनिक और मूत्रविज्ञान या सर्जरी विभाग में आए थे. पुरुषों को 60 मिलीग्राम का ‘रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस’ (RISUG) का इंजेक्शन लगाया गया.
अध्ययन में कहा गया, ''एजुस्पर्मिया (वीर्य निकलने में अवरोध) की स्थिति बनने के संबंध में आरआईएसयूजी की समग्र प्रभावकारिता 97.3 प्रतिशत थी और गर्भावस्था की रोकथाम के आधार पर बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के 99.02 प्रतिशत थी.''
'सभी गर्भनिरोधकों की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है आरआईएसयूजी'
अध्ययन में कहा गया कि गर्भनिरोधक विकास के इतिहास में आरआईएसयूजी पुरुष और महिला समेत सभी गर्भनिरोधकों की तुलना में उच्चतम प्रभावशीलता को पेश करता है.
'गर्भनिरोधक उपाय के रूप में पुरुष नसबंदी काफी प्रभावी'
अध्ययन के अनुसार दुनिया की आबादी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुष गर्भनिरोधक के आधुनिक तरीकों को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है. गर्भनिरोधक उपाय के रूप में पुरुष नसबंदी काफी प्रभावी है लेकिन इस पद्धति की कुछ प्रमुख सीमाएं बेहतर तकनीकों के विकास की मांग करती हैं. पुरुषों के लिए आदर्श गर्भनिरोधक के रूप में एक बार के इंजेक्शन के साथ नगण्य दुष्प्रभावों के साथ दीर्घकालिक प्रभावशीलता का विकल्प होना चाहिए.
'पुरुष गर्भनिरोधक विधि के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने की क्षमता’
स्टडी में कहा गया, ''इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आरआईएसयूजी के रूप में पुरुष गर्भनिरोधक के लिए एक नया दृष्टिकोण विकसित किया गया है. एक बार इंजेक्शन वाली पुरुष गर्भनिरोधक विधि के रूप में इसमें बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने की क्षमता है.'' इस विधि की खास महत्ता यह है कि इसमें हार्मोनल इंजेक्शन वाले गर्भ निरोधकों के विपरीत शरीर के अन्य अंगों पर दुष्प्रभाव नहीं होता.
यह भी पढ़ें:कोविड के बाद युवाओं में बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा, वजह जानने के लिए ICMR की 3 अलग-अलग रिसर्च जारी