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कहानी इंडियन करेंसी की: तंजौर का मंदिर, गेट वे ऑफ इंडिया... बहुत बाद में आए नोट पर महात्मा गांधी
Indian Currency: इससे पहले महाराष्ट्र बीजेपी के उत्तर भारतीय मोर्चा के महासचिव अर्जुन गुप्ता ने नए एक हजार रुपये के नोट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लगाने की मांग की थी.
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Indian Currency History: भारत में मुगलकाल से लेकर आजादी के बाद तक समय-समय पर करेंसी में बदलाव होते रहे हैं. देश में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अधिनियम 1934 के तहत मुद्रा जारी करता है. आरबीआई के जारी किए गए नोट ही मान्य होते हैं. भारतीय करेंसी (Indian Currency) में बदलाव को लेकर अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने बुधवार (26 अक्टूबर) को केंद्र सरकार से मांग करते हुए नोटों पर गांधी जी के साथ भगवान गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर छापने की मांग की है.
केजरीवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को विकसित बनाने के लिए कोशिश तभी सफल होगी, देवी-देवताओं का आर्शीवाद हो. ऐसा नहीं कि इस प्रकार की मांग पहली बार की गई है. केंद्र सरकार केजरीवाल की इस मांग पर क्या एक्शन लेती है यह तो देखने वाली बात होगी.
पहले भी उठी ऐसी मांग
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की अगुवाई वाली नेशनल एडवाजरी काउंसिल के सदस्य रह चुके नरेंद्र जाधव ने भी भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी के साथ-साथ संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर और स्वामी विवेकानंद की तस्वीरें भी छापने की मांग की थी. वहीं, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजन भी नए नोटों पर नेताजी की तस्वीर छापने की मांग कर कई बार कर चुके हैं. बीजेपी भी इस मामले में पीछे नहीं रही है.
महाराष्ट्र बीजेपी के उत्तर भारतीय मोर्चा के महासचिव अर्जुन गुप्ता ने नए एक हजार रुपये के नोट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लगाने की मांग की थी. कई बार इस प्रकार की खबरें भी सामने आई कि कुछ नए नोटों पर रवींद्रनाथ टैगोर और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद की फोटों छापी जाएगी. हालांकि, आरबीआई ने इस प्रकार की खबरों को खारिज कर दिया.
आजादी से पहले भारतीय रुपये
आजादी से पहले भी आरबीआई ही भारतीय करेंसी को छापा करता था. पहली बार आरबीआई ने 1938 में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज VI की फोटो के साथ 5 रुपये का नोट जारी किया था. फिर बाद में 10 रुपये, 100 रुपये से लेकर 1000 और बाद में 10000 रुपये तक का नोट जारी किया गया. ब्रिटिश काल में जारी किए गए ये सभी नोट आजादी के बाद तक कुछ समय तक चलन में रहे थे.
आजादी के बाद डिजाइन में किया गया बदलाव
अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारतीय रुपये को नए सिरे से डिजाइन किया गया. इसमें सबसे बड़ा बदलाव 1949 में आरबीआई ने फोटो को बदलकर किया. आरबीआई ने भारतीय रुपये पर ब्रिटिश किंग जॉर्ज VI की फोटो को हटाकर उसकी जगह राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ को जगह दी.
आजादी के बाद 1950 में भारतीय रुपये 2, 5, 10 और 100 रुपये के नोटों के रंग और डिजाइन में मामूली बदलाव किया गया. वहीं, 1954 में तंजौर की फोटो के साथ 1000 का नोट गेटवे ऑफ इंडिया की फोटो के साथ 5000 हजार, अशोक स्तंभ की फोटो लगा 10000 रुपये का नोट जारी किया. सरकार ने 1978 में हाई वेल्यू नोटों को डिमोनिटाइजेशन कर दिया. 1953 में नए नोटों पर हिंदी को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया.
1980 में नए नोट हुए जारी
सरकार ने 1980 में नए भारतीय नोटों को जारी किया, जिसमें भारत परिपेक्ष को दिखाने की कोशिश की गई. उस समय 1 रुपये के नोट पर ऑयल रिंग, 2 रुपये के नोट पर आर्यभट्ट, 5 रुपये के नोट पर किसान और ट्रैक्टर, 10 रुपये के नोट पर मोर और 20 रुपये के नोट पर कोणार्क मंदिर, 100 रुपये को नोट पर हीराकुंड बांध को दिखाया गया था.
भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो
ऐसा नहीं है महात्मा गांधी की फोटो शुरुआत से ही भारतीय नोटों पर छपी हुई थी. 1949 में सरकार ने 1 रुपये का नये डिजाइन वाला नोट जारी किया. आजादी के बाद यह मसूस किया जाने लगा कि भारतीय नोटों पर छपे राजा के फोटो को महात्मा गांधी के फोटो से बदल दिया जाए. इसी को ध्यान में रखते हुए नया डिजाइन तैयार किया गया. अंतिम विशलेषण में महात्मा गांधी के बदले सारनाथ के लायन कैपिटल के चुनाव पर आम सहमति बनी. नोटों का नया डिजाइन काफी हद तक पहले की तर्ज पर था.
सबसे पहली बार भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो 1969 में छापी गई थी. गांधी जी की तस्वीर सबसे पहले 100 रुपये को नोट पर छापी गई, जिसमें उन्हें सेवाग्राम आश्रम में बैठे हुए दिखाया गया था. उसके बाद 1987 में महात्मा गांधी की फोटो लगा 500 रुपये का नोट जारी किया गया. साल 1996 में महात्मा गांधी की फोटो लगे नए नोटों को फिर से जारी किया गया.
रुपये के प्रतीक चिह्न में बदलाव
2011- सालों से चले आ रहे भारतीय रुपये के प्रतीक चिह्न को साल 2011 में बदल दिया गया. 2011 में रुपये का प्रतीक (₹) भारतीय रुपये की पहचान चिह्न के रूप पेश किया गया.
2015- इसके अलावा 2015 में भारत सरकार ने 1 रुपये का नया नोट जारी किया.
2016- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 8 नवंबर, 2016 तक जारी महात्मा गांधी सीरीज के 500 रुपये और 1,000 रुपये के बैंक नोटों की कानूनी कानूनी मान्यता को खत्म कर दिया गया. वहीं, 8 नवंबर 2016 को 2000 और 23 अगस्त 2017 को 200 रुपये महात्मा गांधी सीरीज के नए नोटों को जारी किया गया.
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