Indian Defence News :पाकिस्तान सीमा पर अपनी ताकत दिखाने के बाद स्वदेशी कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) अब चीन से सटी एलएसी पर दम दिखाने के लिए तैयार हैं. भारतीय सेना लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच)-प्रचंड की पहली स्क्वाड्रन असम के मिसामारी में तैनात करने की तैयारी कर रही है जहां से अरुणाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा की निगहबानी की जाती है.
जानकारी के मुताबिक, इसी महीने एलसीएच-प्रचंड (Light Combat Helicopter) की इंडक्शन सेरेमनी मिसामारी बेस पर होने जा रही है. असम के सोनितपुर इलाके के मिसामारी बेस पर थलसेना की एविएशन कोर का पहले से ही एक बड़ा बेस है और यहां एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) और इजरायल से लिए गए हेरॉन ड्रोन तैनात रहते हैं. यही वजह है कि थलसेना अपने प्रचंड हेलीकॉप्टर की यूनिट को यहां तैनात करने जा रही है.
पहली खेप में कितने एलसीएच हेलीकॉप्टर मिलने हैं?
भारतीय सेना को पहली खेप में पांच एलसीएच हेलीकॉप्टर मिलने हैं. इनमें से एक पहले ही मिल चुका है और जल्द ही बाकी भी मिलने वाले हैं. हाल ही में वायुसेना ने प्रचंड हेलीकॉप्टर की पहली यूनिट को पाकिस्तानी सीमा के करीब जोधपुर एयर बेस पर तैनात की थी. 3 अक्टूबर को प्रचंड की इंडक्शन सेरेमनी में खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए थे.
कितने हेलीकॉप्टर किस सेना के लिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने इसी साल मार्च में 15 स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) खरीदने की मंजूरी दी थी. 3387 करोड़ में ये हेलीकॉप्टर एचएएल से खरीदे गए हैं. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए हैं और 05 भारतीय सेना (थल सेना) के लिए हैं. वायुसेना को अब तक 04 एलसीएच मिल चुके हैं जबकि थलसेना को एक मिले है.
एलसीएच हेलीकॉप्टर की खासियत
अधिकारियों ने बताया, हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर हर मौसम में दुश्मन का मुकाबला करने में सक्षम हैं. ये हेलिकॉप्टर अधिक सक्रिय, गतिशील, एक्सटेंडेड रेंच, ऊंचाई के इलाकों, चौबीसों घंटे तैनाती, सर्च और रेस्क्यू, दुश्मन के एयर डिफेंस पर हमला और काउंटर इमरजेंसी ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने में सक्षम हैं.
ये भी पढ़े : जम्मू-कश्मीर: भारतीय सेना आज मना रही है इन्फैंट्री दिवस, 1947 के ऐतिहासिक पलों को किया जाएगा याद, ऐसा रहेगा कार्यक्रम