Indain Sailors Detained: भारतीय दूतावास (Indian Embassy) मध्य अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea) में 16 भारतीय नाविकों (Indian Sailors) की रिहाई के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. इक्वेटोरियल गिनी में भारतीय दूतावास और नाइजीरिया में उच्चायोग दोनों देशों के अधिकारियों के साथ मिलकर एमवी हीरोइक इडुन (MV Heroic Idun) के चालक दल के सदस्यों को मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं. इक्वेटोरियल गिनी के भारतीय दूतावास ने कहा कि वह फोन पर चालक दल के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में है.
नाविकों से संपर्क में भारतीय दूतावास
इक्वेटोरियल गिनी में भारतीय दूतावास ने कहा, दूतावास और अबुजा में हमारा उच्चायोग एमवी हीरोइक इडुन के चालक दल के सदस्यों की शीघ्र रिहाई के लिए इक्वेटोरियल गिनी और नाइजीरिया के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं और हिरासत केंद्र में मौजूद लोगों को जहाज में स्थानांतरित कर दिया गया है. अगस्त के मध्य में उनकी हिरासत के बाद से दूतावास फोन पर चालक दल के सदस्यों के साथ नियमित रूप से संपर्क में है. उन्हें हर प्रकार की मदद मुहिया कराई जा रही और उनसे मुलाकात भी हुई है. दूतावास इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी नजर बनाए हुए है और इस मसले का जल्द से जल्द समाधान निकालने की कोशिश जारी है.
हिरासत में 16 भारतीय नाविक
इक्वेटोरियल गिनी में हिरासत में लिए गए जहाज के 26 सदस्यीय चालक दल के 16 भारतीय नाविकों ने सरकार से गैरकानूनी नजरबंदी से आजाद कराने में मदद की अपील की थी. नाविकों की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, नॉर्वेजियन-ध्वजांकित एमवी वीर इडुन को 12 अगस्त 2022 को इक्वेटोरियल गिनी नौसैनिक जहाज ने गिरफ्तार किया था. बयान में कहा गया कि जहाज को नौसेना की निगरानी में इक्वेटोरियल गिनी में लुबा बंदरगाह लाया गया था और 14 अगस्त 2022 को आदेशों का पालन नहीं करने पर जहाज और चालक दल के खिलाफ घातक कार्रवाई की धमकी दी गई थी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर हस्तक्षेप की अपील
वहीं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यसभा सदस्य ए. ए. रहीम ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) को लिखी एक चिट्ठी में कहा है कि जहाज ‘एमवी हीरोइक इदुन’ के चालक दल में भारतीय शामिल थे और वे अगस्त के मध्य से ही हिरासत में हैं. राज्यसभा सांसद रहीम ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से चालक दल के 16 भारतीय सदस्यों की ‘‘अवैध हिरासत’’ के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.
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