म्यांमार में बंधक बनाए गए 300 भारतीय, विदेश मंत्रालय ने कहा- रिहा कराने के लिए हर संभव प्रयास जारी
Rescued Indian National: भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, म्यांमार में अवैध रूप से बंधक बनाए गए भारतीय नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. दूतावास ने बताया कि 300 भारतीय फंसे हुए हैं.
Rescued Indian National From Myanmar: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि म्यांमार (Myanmar) में ‘अवैध रूप से बंधक’ बनाए गए 32 भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया है, बाकी लोगों को रिहा कराने के हर संभव प्रयास जारी हैं. मंत्रालय ने साथ ही भारतीय नागरिकों को नौकरी को लेकर लुभाने वाली ऐसी कंपनियों से सचेत रहने का भी सुझाव दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा, ‘‘जहां तक दक्षिण पूर्वी म्यांमार के म्यावाड्डी क्षेत्र में बंधक बनाये गए भारतीयों का सवाल है, हम इस बात से अवगत हैं कि थाईलैंड में आईटी कंपनियां रोजगार के लिये भारतीय की भर्ती करती हैं और जिन्हें म्यांमार ले जाया जाता है.’’
प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे बताया कि इनमें से कुछ के अवैध रूप से जाने की भी खबरें आती हैं. उन्होंने कहा कि म्यांमार में फंसे भरतीयों को लेकर मदद का पूरा प्रयास हो रहा है तथा उनसे सम्पर्क बनाये रखा गया है. हमारे प्रयासों से कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. अभी तक 32 लोग बाहर आ गए हैं. साथ ही कहा कि हम सहायता करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. भारतीय नागरिकों को नौकरी को लेकर लुभाने वाली कंपनियों से सचेत रहना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘म्यांमार और थाईलैंड में हमारे मिशन ने परामर्श जारी किया है और हम उनसे सम्पर्क बनाये हुए हैं .’’
मामला क्या है?
म्यांमार में भारतीय दूतावास ने दो दिन पहले ही बताया था कि सुरक्षा चुनौतियों तथा अन्य कानूनी और आवागमन से जुड़ी समस्याओं के बावजूद म्यांमार में ‘अवैध रूप से बंधक’ बनाए गए भारतीयों में से कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. बाकी को रिहा कराने के लिये सभी संभव प्रयास किये जा रहे है. भारतीय दूतावास का यह बयान ऐसे समय में आया था जब 300 भारतीयों को म्यांमार में एक गिरोह द्वारा बंधक बनाये जाने की खबरें आई हैं, जिसमें से ज्यादातर लोग तमिलनाडु से हैं.
We're aware of IT companies recruiting Indian workers on pretext of jobs in Thailand who were then taken to Myanmar. Thanks to our efforts we have facilitated rescue of some of the people. We urge Indian nationals to exercise caution before taking up job offers there: MEA spox pic.twitter.com/piSS1jgXoU
— ANI (@ANI) September 22, 2022
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने राजदूत विनय कुमार से म्यांमार में भारतीयों के बंधक बनाये जाने के बारे में बात की. उन्होंने बताया था, ‘‘ राजदूत ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी और बताया कि सभी भारतीयों को जल्द से जल्द रिहा कराने को लेकर सभी प्रयास किये जा रहे हैं. मिशन इस मामले पर करीबी नजर रखे हुए है. ’’
Spoke to our Ambassador Vinay Kumar regarding Indians held in Myanmar. Ambassador apprised me on the developments and informed that all efforts are on to release the Indians as soon as possible.
— V. Muraleedharan (@MOS_MEA) September 21, 2022
Mission is closely following up the matter. https://t.co/l8PiD3SXKH
सीएम एम. के. स्टालिन ने लिखी थी चिट्ठी
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने म्यांमार में ‘अवैध रूप से बंधक’ बनाए गए भारतीयों को बचाने एवं वापस लाने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. उन्होंने दावा किया था कि इन भारतीयों से जबरन अवैध कार्य कराए जा रहे हैं. सीएम एम. के. स्टालिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि राज्य सरकार को करीब 50 तमिलों सहित करीब 300 भारतीयों के म्यांमार में फंसे होने की सूचना मिली है, जो बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा था कि, ‘‘जानकारी मिली है कि वे शुरुआत में निजी भर्ती एजेंसी के जरिये आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र संबंधी नौकरी के लिए थाईलैंड गए थे. अब समझा जाता है कि गैरकानूनी ऑनलाइन नौकरी कराने के लिए उन्हें जबरन थाईलैंड से म्यांमार लाया गया है. काम करने से इनकार करने पर नियोक्ताओं द्वारा उनके साथ मारपीट की जा रही है.’’ उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ऐसे 17 तमिलों के संपर्क में है, जो ‘‘उन्हें बचाने के लिए सरकार की मदद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.’’
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