S Jaishankar Message To China: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (1 अक्टूबर 2024) को कहा कि चीन ने सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है और तनाव जारी रहने से बचे-खुचे रिश्ते पर भी स्वाभाविक ग्रहण लगेगा. ‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस थिंक टैंक’ में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'चीन के साथ हमारे अपने संबंधों के संदर्भ में मुझे लगता है कि यह एक लंबी कहानी है, लेकिन संक्षेप में कहें तो सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हमारे बीच समझौते हुए थे, चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया है.' 


विदेश मंत्री ने कहा, 'चूंकि हमारी सेनाएं अग्रिम मोर्चे पर तैनात हैं, इसलिए तनाव पैदा हो रहा है. जब तक अग्रिम मोर्चे पर तैनातियों का समाधान नहीं हो जाता, तनाव जारी रहेगा. अगर तनाव जारी रहता है, तो इसका असर बाकी रिश्तों पर भी पड़ेगा. यही वजह है कि पिछले चार सालों से हमारे रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं.' 


पश्चिमी देशों ने चीन की मदद की- एस जयशंकर
मंत्री से चीन के साथ तनाव और भारत के साथ व्यापार संबंधों में चीन की तरफ से हर देश को पीछे छोड़ने के बारे में पूछा गया. एस जयशंकर ने कहा, 'जब व्यापार की बात आती है, तो वैश्विक स्तर पर चीन की हिस्सेदारी वैश्विक विनिर्माण में लगभग 31-32 प्रतिशत है. ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि कई दशकों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार (जो मुख्य रूप से पश्चिमी नेतृत्व वाला है) ने आपसी लाभ के लिए चीन के साथ सहयोग करने का चयन किया.' 


हर देश के लिए चीन बना मजबूरी
विदेश मंत्री ने कहा, 'आज किसी भी देश के लिए ऐसी स्थिति है कि यदि आप किसी प्रकार की खपत में हैं या यहां तक कि किसी प्रकार के निर्माण में संलग्न हैं, तो चीन से आउटसोर्सिंग अनिवार्य हो गया है.' जयशंकर ने कहा, 'इसलिए एक तरह से एक स्तर पर चीन के साथ व्यापार राजनीतिक या बाकी संबंधों से लगभग स्वायत्त है. मुझे नहीं लगता कि यह केवल संख्याओं का सवाल है. आपको यह भी देखना होगा कि आप क्या व्यापार कर रहे हैं. क्योंकि ऐसे देश होंगे जो अपने जोखिम के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे जबकि कुछ ऐसे देश होंगे जो इसकी परवाह नहीं करते.'


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