Afghanistan Crisis: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से की मुलाकात, अफगानिस्तान पर हुई चर्चा
Afghanistan Crisis: भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के साथ साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा की.
Afghanistan Crisis: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए बुधवार को वाशिंगटन पहुंचे श्रृंगला ने उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन से भी मुलाकात की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, 'विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मुलाकात की. द्विपक्षीय संबंधों और अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा हुई.' शेरमेन के साथ बैठक के दौरान विदेश सचिव ने स्वास्थ्य सेवा, रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर महत्वपूर्ण चर्चा की. बागची ने कहा, ' उन्होंने अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अलावा कोविड-19 महामारी के हालात की भी समीक्षा की. साथ ही संयुक्त राष्ट्र और पारस्परिक हित के अन्य क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा की.'
गौरतलब है कि दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में 30 अगस्त को अपने बीस साल के सैन्य अभियान को समाप्त कर दिया. अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अब अफागानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो चुका है. 30 अगस्त को अफगानिस्तान से अमेरिका के पांच सैन्य परिवहन विमानों के उड़ान भरने के साथ ही वहां अमेरिका का 20 साल चला युद्ध और निकासी अभियान भले ही समाप्त हो गया, लेकिन अफगानिस्तान में अब भी देश के कम से कम 200 नागरिक रह गए हैं और साथ ही रह गए हैं वहां से निकलने की आस लगाए हजारों अफगान, जिनका वहां से निकलना अब पूरी तरह से तालिबान पर निर्भर है.
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका अपने नागरिकों और अफगानों को वहां से निकालने का प्रयास करता रहेगा और काबुल हवाई अड्डा फिर से खुलने के बाद अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के साथ सड़क रास्ते से या चार्टर्ड विमानों के जरिए उनकी सुरक्षित वापसी का प्रयास करेगा. उन्होंने कहा था, ‘‘हमें इस बात का कोई भ्रम नहीं है कि ये आसान होगा या जल्दी होगा.’’
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