Indian Government: पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने का भारत सरकार का मास्टर प्लान तैयार, जानें क्या है पूरी योजना
Indian Government: देशभर की पंचायतों को भारत सरकार ने आत्मनिर्भर बनाने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में दूरदर्शी निर्णय किया है.
Indian Government: भारत सरकार ने देशभर की पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में दूरदर्शी निर्णय किया है. इसके तहत भारत सरकार ने हर पंचायत में अगले आम चुनाव से पहले प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी (पैक्स) का गठन करने और उसे एक सॉफ्टवेयर के जरिये उसका डिजिटलाइजेशन करने की योजना बनाई है.
इसी क्रम में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने देशभर के 63000 पैक्स का कम्प्यूटरी करण किए जाने को मंजूरी दे दी है. इसके तहत भारत सरकार करीब 2516 करोड़ खर्च करेगी. जिसे 2024 तक बढ़ाकर प्रत्येक पंचायत तक ले जाने की योजना है. सरकार का मानना है कि इस फैसले से न केवल आम किसानों को फायदा होगा बल्कि इससे देश कि अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. अनुराग ठाकुर के मुताबिक देश की समस्त सहकारी संस्थाओं को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा. जिससे घपला और धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सकेगी.
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
जब से केंद्र सरकार ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है तब से विभाग के मंत्री अमित शाह सहकारिता सिस्टम को और मजबूत करने में जुटे हैं. सरकार की योजना हैं कि इन पैक्स के जरिये रोजगार के अवसर पैदा किये जाये. मौजूदा आंकड़ों की मानें तो एक पैक्स में 5 से 10 लोगों को रोजगार मिलेगा. जबकि देश के करीब 3 लाख ग्राम पंचायतों में पैक्स के गठन की योजना है. ऐसे में माना जा रहा है कि इससे लगभग तीन लाख पंचायत में करीब 25—30 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रूप रोजगार मिलेगा. जबकि हर पंचायत में पैक्स से अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर के सहारे भी हजारों लोग जुड़ेंगे.
सरकार यह जानती है कि अगर किसी परिवार के जीवन स्तर को उठाना है तो उसे आर्थिक रूप से समर्थ करना होगा. यही वजह है कि इन पैक्स को पहले से अधिक सुढ़ढ़ और बेहतर आय प्रदान करने वाली संस्था बनाने का भी कार्य किया जा रहा है. नए संशोधन से पैक्स को कॉमन सर्विस सेंटर चलाने दूध वितरण-उत्पादन, बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट के रूप में कार्य करने के साथ ही करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे कार्य करने की स्वीकृति दी जा रही है. जिससे पैक्स से जुड़े लोगों की आमदनी में इजाफा हो. इस संस्था को बैंकिंग सिस्टम से भी बेहतर तरीके से जोड़ा जाएगा. जिससे उनको पैसे के लेन-देन के अधिक अवसर हासिल हो पाए.
सहकारिता विश्वविद्यालय की होगी स्थापना
भारत सरकार सहकारिता सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में काम कर रही है जिसके तहत सरकार राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय बनाने की योजना तैयार कर रही है. फिलहाल सरकार इसके लिए विशेषज्ञयों की राय ले रही है. इसमें सहकारी क्षेत्र को लेकर ही पढ़ाई होगी.
कृभको और अमूल और अन्य सहकारी संसथाओं को आटा सहित कई अन्य उत्पाद बेचने की इजाजत दी जाएगी. ये संस्थाएं जैविक उत्पाद बेचेगी. इससे अमूल या अन्य सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों की कमाई बढ़ेगी.
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