संसद की स्थायी समिति ने सिंगल सिगरेट बेचने पर रोक लगाने की सिफारिश की है. समिति ने तर्क दिया है कि इससे तंबाकू नियंत्रण अभियान प्रभावित हो रहा है. समिति ने सिफारिश में आगे कहा है कि देश में एयरपोर्ट के स्मोकिंग जोन को भी बंद किया जाए.
स्थायी समिति की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार सिंगल सिगरेट की बिक्री और उत्पात पर रोक लगा सकती है. 3 साल पहले केंद्र सरकार ने हेल्थ मिनिस्ट्री की सिफारिश पर ई-सिगरेट पर बैन लगाया था. तब इसे बेचने के खिलाफ कानून भी बनाया था.
पहले जानते हैं क्या होती है स्थायी समिति?
संसद के कामकाज को आसान करने के लिए 2 तरह की समितियां बनाई जाती है. पहला स्थाई और दूसरा तदर्थ. स्थाई समिति में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद होते हैं, जिनका कार्यकाल 1 साल के लिए होता है. समिति कामकाज आसान करने के लिए सरकार को रिपोर्ट सौंपती है.
- रोक की सिफारिश क्यों, 2 प्वाइंट्स
1. समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि देश मे GST लागू होने के बाद भी तंबाकू उत्पादों पर टैक्स में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है.
2. समिति ने IARC की रिपोर्ट का हवाला दिया है. इसके मुताबिक अल्कोहल और तंबाकू का सेवन करने से कैंसर की आशंका बढ़ती है.
तंबाकू उत्पाद पर कितना टैक्स?
जीएसटी लागू होने के बाद भारत में बीड़ी पर 22 फीसदी, सिगरेट्स पर 53 फीसदी और स्मोकलेस टोबैको पर 64 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं WHO ने भारत सरकार से तंबाकू उत्पाद पर 75 फीसदी टैक्स लगाने के लिए कहा था.
सिगरेट से हर साल 3.5 लाख की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल सिगरेट पीने के असर से 3.5 लाख लोगों की मौत होती है. अमेरिका में यह संख्या 4.8 लाख के आसपास है. सिगरेट से मौत की प्रमुख वजह निकोटिन की ज्यादा मात्रा होना है. सरकार ने कई बार इस पर रोक लगाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली.
2018 में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकॉनमिक रिसर्च ने एक सर्वे किया. इसके मुताबिक स्मोकिंग करने वाले 46 फीसदी लोग अशिक्षित, जबकि 16 फीसदी कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट हैं.
सिगरेट से होती है 56 तरह की बीमारियां
लैंसेट जर्नल ने 2022 की शुरुआत में एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया कि सिगरेट पीने से 56 तरह की बीमारियां होती है. इनमें कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक्स, नपुंसकता अहम है. लैंसेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया में स्मोकिंग करने वाले 40% लोग चीन में रहते हैं.
देश में 6.6 करोड़ लोग पीते हैं सिगरेट
फउंडेशन फॉर स्मोक फ्री वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल करीब 6.6 करोड़ लोग सिगरेट पीते हैं, जबकि 26 करोड़ से ज्यादा लोग अन्य तंबाकू उत्पाद का उपयोग करते हैं. भारत में करीब 21 फीसदी लोगों में तंबाकू उपयोग की वजह से कैंसर होता है.
सिगरेट को लेकर अब तक क्या कानून है?
1. पब्लिक प्लेस सिगरेट पीने पर पाबंदी है. नियम तोड़ने पर 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मॉल के मालिकों को 60 सेमी x30 सेमी बोर्ड पर 'नो स्मोकिंग' लिखकर लगाना होगा.
2. तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर रोक है. उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को 60 सेमी x 45 सेमी का बोर्ड लगाकर कैंसर के प्रति जागरूक करना होगा. नियम नहीं मानने पर 1000 रुपए का जुर्माना लग सकता है.
3. किसी भी कॉलेज, यूनिवर्सिटी के 100 मीटर के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री बैन है. उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
4. 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को दुकानदार सिगरेट नहीं बेच सकता है. बेचने पर जुर्माना और जेल दोनों की व्यवस्था की गई है.
1880 में पहली बार मार्केट में आया हाथ से बनी सिगरेट
अमेरिका के उत्तरी कैरोलीना शहर में जेम्स बुकानन ड्यूक नामक शख्स ने 1880 में पहली बार हाथ से बनी सिगरेट को मार्केट में उतारा. हाथ से बनी इस सिगरेट की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती गई. 1990 में सिगरेट पीने वालों की संख्या वर्ल्ड वाइड 99 करोड़ हो गई.