Government Regulations: विदेश यात्रा करने वालों के लिए भारत सरकार का बड़ा फैसला, निजी डेटा एकत्र करेगी सरकार
Indian Government: भारत सरकार अब विदेश यात्रा करने वालों से जुड़े 19 प्रकार के डेटा एकत्र करेगी जो पांच साल तक स्टोर रहेंगे और जरूरत पड़ने पर शेयर किए जा सकेंगे.
International Travel Aviation Rules: भारत सरकार ने विदेश यात्रा करने वाले लोगों से जुड़े प्राइवेट डेटा इकट्ठा करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब एयरलाइंस से जुड़े यात्रियों की यात्रा से संबंधित अहम जानकारी कस्टम डिपार्टमेंट को अनिवार्य रूप से शेयर करनी होगी. सरकार ने ये फैसला तस्करी जैसी गतिविधियों पर निगरानी रखने के उद्देश्य से लिया है. इस डेटा को पांच साल तक स्टोर किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर इसे बाकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ शेयर किया जा सकेगा.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं कस्टम्स बोर्ड (सीबीआईसी) ने सभी विदेशी रूटों वाली एयरलाइंस को 10 जनवरी तक नए पोर्टल ‘एनसीटीसी पैक्स’ पर रजिस्टर करने को कहा है. इसके बाद 10 फरवरी से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ एयरलाइंस के साथ डेटा शेयरिंग शुरू की जाएगी. जानकारी के मुताबिक सरकार का उद्देश्य 1 अप्रैल से इस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करना है. इस बदलाव की खास वजह तस्करी पर निगरानी रखना और संदिग्ध गतिविधियों का समय पर पता लगाना है.
नए नियम के तहत 19 प्रकार के डेटा का संग्रह
इस नए नियम के तहत 19 प्रकार के डेटा को कलेक्ट किया जाएगा. इनमें यात्री के नाम, यात्रा की तारीख, टिकट खरीदने की तारीख, बेनीफिट्स जैसे मुफ्त टिकट और अपग्रेडेशन की जानकारी, सीट की जानकारी और यात्री की ओर से दिए गए पर्सनल डिटेल्स शामिल होंगे. इसके अलावा यात्री के ट्रैवल प्लान, ट्रेवल एजेंट की जानकारी और भुगतान के तरीके की जानकारी भी इकट्ठी की जाएगी.
इस जानकारी को कस्टम डिपार्टमेंट समय-समय पर विश्लेषित करेगा. यदि किसी यात्री के ट्रैवल पैटर्न में कोई संदिग्ध गतिविधि सामने आती है तो तुरंत जांच शुरू की जाएगी. इससे न केवल तस्करी पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी बल्कि संदिग्ध गतिविधियों का समय पर पता लगाने में भी आसानी होगी. इसके साथ ही यात्री के ट्रैवल डिटेल्स के बदलाव की सूचना भी कस्टम डिपार्टमेंट को देनी होगी.
सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार की नई पहल
सरकार का उद्देश्य देश में सुरक्षा को बढ़ाना और तस्करी जैसी गतिविधियों को रोकना है. हालांकि इस पहल पर कुछ लोग अपनी निजी जानकारी के संग्रहण को लेकर चिंतित हैं. ये नया कदम सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद जरूरी बताया जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही यात्रियों के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाएगा. सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि इस डेटा को उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत संभाला जाएगा और इसे अनावश्यक रूप से शेयर नहीं किया जाएगा.