India on Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप से बच्चों की मौत का दावा किया जा रहा है. उज्बेकिस्तान के इस दावे के बाद भारत सरकार (Indian Govt) अलर्ट हो गई है. केंद्र की सरकार ने उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में बच्चों की मौत को इंडियन कफ सिरप (Indian Cough Syrup) से जोड़ने के बाद हताहत होने वाले बच्चों को लेकर रिपोर्ट मांगी है. ये दवा कंपनी कथित तौर पर नोएडा की बताई जा रही है.


उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय (Uzbekistan Health Ministry) ने आरोप लगाया है कि गाम्बिया में इसी तरह की घटना की सूचना मिलने के महीनों बाद एक भारतीय दवा कंपनी की ओर से निर्मित दवाओं का सेवन करने से देश में 18 बच्चों की मौत हो गई है.


केंद्र सरकार ने शुरू की जांच


भारत ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत को नोएडा स्थित दवा निर्माता के सिरप से जोड़ने के दावे के बाद जांच शुरू कर दी है. इस बारे में केंद्र सरकार ने बच्चों की मौत को लेकर रिपोर्ट मांगी है. अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स रेगुलेटरी टीम ने यूपी ड्रग्स लाइसेंसिंग अथॉरिटी से भी संपर्क किया है ताकि दवा कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की जा सके. इस बीच सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) के सूत्रों ने खुलासा किया है कि यह खास सिरप फिलहाल भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है.


उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत का दावा


जानकारी के मुताबिक सिरप बनाने वाली कंपनी का नाम मैरियन बायोटेक है. मैरियन बायोटेक नाम की कंपनी 2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड हुई थी. उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मरने वाले बच्चों ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक की ओर से निर्मित डॉक-1 मैक्स सिरप का सेवन किया था. मंत्रालय ने कहा कि अब तक सांस की गंभीर बीमारी वाले 21 में से 18 बच्चों की मौत डॉक-1 मैक्स सिरप लेने के कारण हुई है. जांच में पाया गया कि मृत बच्चों ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले इस दवा को 2-7 दिनों के लिए दिन में 3-4 बार लिया था. 


गांबिया में भी हुई थी मौत!


प्राइमरी लैब स्टडी ने डॉक -1 मैक्स सिरप (Doc-1 Max Syrup) में एथिलीन ग्लाइकोल की उपस्थिति को दिखाया है. इसमें वही घातक केमिकल हैं जिसे गांबिया (Gambia) में मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. इससे पहले, अक्टूबर में अफ्रीकी देश गांबिया में भारत निर्मित कफ सिरप से करीब 70 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी.


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