Kashmiri Hindu Killed: राज्यसभा में बुधवार (14 दिसंबर) को बताया गया कि साल 2020 के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की तरफ से नौ कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2022 में चार और 2021 में भी 4 कश्मीरी पंडितों को मारा गया, जबकि 2020 में एक की हत्या हुई.
उन्होंने कहा कि पीड़ितों में कश्मीरी राजपूत समुदाय का एक भी व्यक्ति शामिल है. एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले तीन साल में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के अलग- अलग पहलुओं पर करीब 2,815 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है
नित्यानंद राय ने कहा, "2019-20 में 1,267 करोड़ रुपये, 2020-21 में 611 करोड़ रुपये और 2021-22 में 936.095 करोड़ रुपये खर्च किए गए." उन्होंने आगे कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है. कश्मीर में अलग- अलग एजेंसियां और संगठन हैं जो केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा के लिए काम करते हैं.
गृह मंत्रालय ने रक्षा के कई उपाय किए
गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें राजनीतिक बिंदुओं पर चौबीसों घंटे नाका लगाना, राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करना, घेरा और तलाशी अभियान तेज करना शामिल है. आतंकवादी संगठनों की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए, आतंकवादियों को समर्थन देने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों पर निगरानी और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करना, जम्मू और कश्मीर में सक्रिय सभी सुरक्षा बलों के बीच वास्तविक समय के आधार पर खुफिया सूचनाओं को साझा करना, दिन और रात वाले क्षेत्र में उचित तैनाती के माध्यम से प्रभुत्व और सुरक्षा देना, इसमें शामिल है.
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