India Reaction on Khalistani Supporter Attack at commission: विदेशों में भारतीय उच्चायोग पर पिछले कुछ दिनों में हुईं तोड़फोड़ की घटनाओं पर भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. भारत ने शुक्रवार (24 मार्च) को कहा कि वह विदेश में भारतीय मिशनों में तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ संबंधित देशों से सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करता है.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत उम्मीद करता है कि संबंधित देश ऐसी घटनाओं को दोबारा घटने से रोकने के लिए कदम उठाएंगे. गौरतलब है कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब में पुलिस कार्रवाई के बाद खलिस्तान समर्थकों ने लंदन, ब्रिटिश कोलंबिया, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशनों में तोड़फोड़ की थी.


हम कार्रवाई देखना चाहते हैं


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारी केवल आश्वासनों में रुचि नहीं है, हम कार्रवाई देखना चाहते हैं. भारत ने इस मुद्दे को कनाडा के अधिकारियों के सामने भी उठाया है, जहां भारतीय उच्चायुक्त को एक कार्यक्रम में शामिल होने का कार्यक्रम रद्द करने को मजबूर होना पड़ा. हमारी यह अपेक्षा है कि किसी भी देश में हमारे राजनयिक अपने वाजिब और सामान्य राजनयिक कर्तव्यों एवं कार्यो को पूरा कर सकें और मेजबान देशों को ऐसा करने के लिए उपयुक्त माहौल सुनिश्चित करना चाहिए.’’


सुरक्षा घटाने के सवाल पर नहीं की कोई टिप्पणी


बागची ने नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग और ब्रिटिश उच्चायुक्त के आवास के बाहर सुरक्षा घटाए जाने की रिपोर्ट के बारे में कोई टिप्पणी करने से भी इंकार कर दिया. गौरतलब है कि खालिस्तानी झंडे लहराते और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को पिछले रविवार को उतारने का प्रयास किया था.


विदेश मंत्री ने भी दिखाया कड़ा रुख


वहीं दूसरी तरफ इस मामले में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी सख्ती के मूड में हैं. बेंगलुरु में शुक्रवार को उन्होंने कहा कि ‘‘भारत सुरक्षा के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने ब्रिटेन पर उच्चायोग के राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करने के दायित्व को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया, जिसकी अपेक्षा उस देश से की जाती है जहां उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास स्थित होता है. बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ‘‘ध्वज और उच्चायोग की सुरक्षा पर, इस मामले में ब्रिटेन में....देश का दायित्व है कि वह एक राजनयिक को अपना काम करने के लिए सुरक्षा प्रदान करे.’’


कई देश सुरक्षा को लेकर लापरवाह


जयशंकर ने कहा, ‘‘दूतावास या उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास और उनके परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करना उस देश का दायित्व है, जहां वह स्थित हैं. इन दायित्वों को पूरा नहीं किया गया. जिस दिन उपद्रवी उच्चायोग के सामने इकट्ठा हुए, उस दिन उच्चायोग में सुरक्षा व्यवस्था अपेक्षित मानकों को पूरा करने में विफल रही. कई देश सुरक्षा को लेकर बेहद लापरवाह हैं. उनकी अपनी सुरक्षा के बारे में अलग राय है और दूसरों की सुरक्षा के बारे में अलग राय है, लेकिन एक विदेश मंत्री के रूप में मैं आपको बता सकता हूं कि हम इस तरह के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं.’’


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