Aditya L1 Mission: भारत को सूर्य के अध्ययन में मिलेगा फायदा, ISRO को सौंपा गया खास उपकरण, जानें डिटेल
Aditya L1 देश का पहला ऐसा विशेष वैज्ञानिक मिशन है जिसमें सूर्य का अध्ययन किया जाना है. इस मिशन के लिए इसरो को तारा भौतिकी संस्थान से प्राप्त हुआ एक खास उपकरण जोड़ा जाएगा.
ISRO Aditya L1 Mission: भारतीय तारा भौतिकी संस्थान (IIA) ने गुरुवार (26 जनवरी) को इसरो (ISRO) को ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (VELC) सौंप दिया, जिसे सूर्य के अध्ययन के लिए देश के प्रथम विशेष वैज्ञानिक अभियान ‘आदित्य एल1’ के जरिये अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. आदित्य एल1 के जरिये भेजा जाने वाला यह सबसे बड़ा उपकरण है. आदित्य एल1 मिशन जून या जुलाई में प्रस्तावित है.
वीईएलसी को औपचारिक रूप से इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ को आईआईए के विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान-प्रौद्योगिकी केंद्र (CREST) परिसर में गुरुवार को सौंप दिया गया. आईआईए ने कहा कि इसने वीईएलसी की जांच सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. इसने एक बयान में कहा कि इसरो वीईएलसी की आगे की जांच करेगा और इसे आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान के साथ जोड़ा जाएगा.
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यह कहा
वीईएलसी टीम को बधाई देते हुए सोमनाथ ने कहा कि आदित्य एल-1 को जून या जुलाई में प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘पृथ्वी पर और इसके आसपास सूर्य के प्रभाव को समझना अब बहुत जरूरी हो गया है और आदित्य एल1 का लक्ष्य इस विषय पर प्रकाश डालना है.’’
आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैगरेंगियन प्वाइंट1’ के पास स्थित एक कक्षा से सूर्य का अध्ययन करने का भारत का प्रथम अंतरिक्ष मिशन है.
इसरो का एक और खास प्रयोग
बता दें कि इसरो की ओर से जल्द ही भारत के स्पेस शटल 'रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल' (RLV-TD) का लैंडिंग प्रयोग किया जाएगा. इसरो अध्यक्ष सोमनाथ ने इस प्रयोग की तारीख 28 जनवरी बताई है. इस स्पेस शटल को भविष्य में अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजने के लिए तैयार किया जा रहा है. यह ऐसा यान होगा, जो सामरिक दृष्टि से भी भारत के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा. इसे कुछ मेंटेन करके दोबारा से अंतरिक्ष मिशन के लिए लॉन्च किया जा सकेगा.