नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की सजा पर पुनर्विचार के लिये स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने को लेकर एक भारतीय वकील या ‘क्वींस काउंसल’ को नियुक्त करने की बृहस्पतिवार को अपील की.
उल्लेखनीय है कि ‘क्वींस काउंसल’ एक ऐसा बैरिस्टर या अधिवक्ता होता है, जिसे लॉर्ड चांसलर की सिफारिश पर ब्रिटिश महारानी के लिये नियुक्त किया जाता है.
पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश की अवधि चार महीने बढ़ा दी है, जो जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति देता है, जैसा करने की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा जरूरत बताई गई थी. इसके बाद, भारत ने यह बयान जारी किया है.
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा- पाकिस्तान सरकार को अभी मुख्य मुद्दों का हल करना बाकी है
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को अभी मुख्य मुद्दों का हल करना बाकी है, जिनमें मामले से जुड़े सभी दस्तावेज शामिल कर जाधव को बिना शर्त एवं बेरोक-टोक राजनयिक पहुंच मुहैया करना और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिये एक भारतीय वकील या क्वींस काउंसल नियुक्त करना शामिल है. ’’
भारत ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था
इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने संघीय सरकार को निर्देश दिया था कि वह भारत को जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिये वकील नियुक्त करने का एक और मौका दे. साथ ही सुनवाई एक महीने के लिये स्थगित कर दी थी.
जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से मना किये जाने पर भारत ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था और एक सैन्य अदालत द्वारा उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में सुनाई गई मौत की सजा को चुनौती दी थी.
हेग स्थित आईसीजे ने जुलाई 2019 में यह फैसला दिया कि पाकिस्तान को जाधव (50) की दोषसिद्धि एवं सजा की अवश्य ही प्रभावी समीक्षा करनी चाहिए और पुनर्विचार करना चाहिए. साथ ही, बगैर देर किये जाधव को भारत द्वारा राजनयिक पहुंच मुहैया कराने देने को भी कहा था.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधि द्वारा भारतीय भूभाग को पाक का हिस्सा दिखाते हुए काल्पनिक नक्शा का इस्तेमाल किये जाने पर बैठक से भारत के बाहर निकल जाने के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने बैठक के पहले, इसके दौरान और बाद में कहा कि भारत ने अध्यक्ष और एससीओ सदस्य देशों के समक्ष अपनी आपत्ति जताई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आपत्ति को अध्यक्ष द्वारा नोट किया गया. पाकिस्तान द्वारा काल्पनिक नक्शे का इस्तेमाल अध्यक्ष के परामर्श की पूरी अवहेलना है तथा यह बैठक के नियमों का उल्लंघन भी है. ’’
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