'T का मतलब होता है टेररिज्म', पाकिस्तान के 'Two to tango' वाले बयान पर भारत ने दिखाया आईना
MEA On Pakistan: भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार को करारा जवाब दिया है. उन्हें बताया कि टैंगो में T शब्द का मतलब आतंकवाद है.
MEA On Pakistan: भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार की भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की टिप्पणी पर कटाक्ष किया. दरअसल, डार ने कहा था कि बेहतर संबंधों के लिए आपसी इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है और इसे "दो लोगों की आवश्यकता" होती है. इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी कहावत 'It takes two to tango' का इस्तेमाल किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इसमें प्रासंगिक 'टी' शब्द 'आतंकवाद' है, न कि 'टैंगो". उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए आतंकवाद के मुद्दे को सुलझाना अनिवार्य है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार की टिप्पणी
गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए दोनों पक्षों के प्रयासों की आवश्यकता होती है. डार ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सरकार के तहत पाकिस्तान की विदेश नीति पर भी टिप्पणी की. उन्होंने अगले महीने बांग्लादेश की यात्रा की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश उनके लिए "खोए हुए भाई" की तरह है और इसका उद्देश्य आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को मजबूत करना है.
अफगानिस्तान के साथ कूटनीति
अफगानिस्तान के साथ संबंधों पर बोलते हुए डार ने कहा कि पाकिस्तान काबुल के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है, लेकिन आतंकवाद एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. उन्होंने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ बातचीत करने के लिए पूर्व खुफिया प्रमुख जनरल फैज हमीद की आलोचना की और बताया कि आतंकवादी हमलों के कारण काबुल की यात्राएं स्थगित कर दी गई हैं.
पाकिस्तान की परमाणु परियोजनाएं
डार ने पाकिस्तान की परमाणु ऊर्जा में प्रगति की घोषणा करते हुए कहा कि चश्मा 5 (C-5) परमाणु ऊर्जा परियोजना, जिसे चीन के साथ 2023 में अंतिम रूप दिया जाएगा, पाकिस्तान की बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं में शामिल होगी. यह परियोजना K2 और K3 परियोजनाओं के पूरा होने के बाद की जा रही है.
ग्वादर बंदरगाह पर अफवाहों का खंडन
विदेश कार्यालय की निवर्तमान प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने ग्वादर बंदरगाह के सैन्य उपयोग से जुड़ी अफवाहों को खारिज कर दिया. उन्होंने इसे चीन द्वारा समर्थित एक प्रमुख विकास परियोजना बताया और कहा कि यह परियोजना पाकिस्तान के विकास के लिए है, न कि किसी सैन्य उपयोग के लिए.
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