Migration From India: पिछले 3 साल में 3.92 लाख लोग भारत की नागरिकता (Indian Citizenship) छोड़ 120 देशों में शिफ्ट हो चुके हैं और इनमें से कुछ लोगों ने तो पाकिस्तान की नागरिकता (Pakistan Citizenship) भी ले ली है. लोकसभा सेशन (Lok Sabha Session) के दौरान ये जानकारी देते हुए भारत सरकार (Indian Government) का तर्क था कि य़े लोग निजी कारणों के चलते देश छेड़कर गए हैं.
क्या शिक्षा-हेल्थ-रोज़गार-टैक्स इन सब चीज़ों को निजी कारण माना जा सकता है? क्योंकि ये तो हर कोई जानता है कि इन्हीं वजहों से लोग अपना मुल्क छोड़ विदेशों में जा बसते हैं. तो चलिए बताते हैं आपको सरकार के जवाब के बारे में और साथ ही विश्लेषण करेंगे इस बात का कि आखिर लाखों लोगों के मुल्क छोड़ने से क्यों सरकार अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती.
लोकसभा सेशन के दौरान गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने फॉरन मिनिस्ट्री से मिली जानकारी के मुताबिक बताया है कि जिन 120 देशों में 3.92 लाख भारतीय नागरिक शिफ्ट हुए हैं उनमें से 1.70 लाख लोगों ने अकेले अमेरिका की नागरिकता ली है. नित्यानंद राय द्वारा ये जवाब लिखित रूप में दिया गया है जिसमें ये बताया है कि 2019-2020 और 2021 में भारतीय नागरिक कहां कहां शिफ्ट हुए हैं.
पिछले 3 सालों भारत छोड़ कहां शिफ्ट हुए भारतीय
जवाब के मुताबिक 1,70,795 लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली. 64,071 लोग Canada के सिटिज़न बन गए. 58,391 लोगों ने ऑस्ट्रेलिया, 35,435 लोगों ने यूके, 12131 लोगों ने इटली और 8,882 लोगों ने न्यूजीलैंड की नागरिकता ली है. जबकि 7,046 लोग सिंगापुर, 6,690 लोग जर्मनी, 3,754 लोग स्वीडन और 48 लोग पाकिस्तान के नागरिक बन गए हैं. जी भारत छोड़ने वालों में से 48 लोग पाकिस्तान भी शिफ्ट हुए हैं.
पांच हजार से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता
अब ये तो हुई भारत छोड़ने वालों की बात लेकिन 5220 लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पिछले 5 साल में अपना मुल्क छोड़ भारत की नागरिकता ली है. इनमें 87% यानी 4552 लोग तो सिर्फ पाकिस्तान से ही आए हैं. रही बात बांग्लादेश (Bangladesh) तो वहां से भी कुल आंकड़े में से 2% लोग भारत शिफ्ट हो चुके हैं. अब सवाल ये उठता है कि इतनी संख्या में भारतीय लोग आखिर देश क्यों छोड़ रहे हैं?
सरकार के दावों में कितना दम
अब जैसा कि हमने बताया कि सरकार का कहना है कि इन सभी लोगों ने निजी कारणों से देश की नागरिकता छोड़ी है. अब निजी कारण क्या हो सकते हैं - पढ़ाई, शादी, इलाज, नौकरी? अब इन सब कारणों को निजी बताकर सरकार को अपना पल्ला नहीं झाड़ना चाहिए. क्योंकि पिछले 3 सालों में देश में बेरोज़गारी दर 12% से बढ़कर 14% तक पहुंच चुकी है जो काफी हाई है.
पढ़ाई की बात करें तो QS World University Rankings 2023 के मुताबिक भारत की यूनिवर्सिटीज़ पहले 150 रैंक में भी कहीं नहीं है. IISc Bangalore का नंबर इसमें 155 है तो IIT Bombay 172वें रैंक पर आता है. वहीं इलाज की बात करें तो Health Care Index में भी दुनियाभर में भारत का नंबर 44वां है.
इसलिए भी देश छोड़ रहे लोग
हालांकि देश छोड़ने का एक कारण पॉल्यूशन और टैक्स को भी बताया जा रहा है. हाल ही में Henley Global Citizens की तरफ से एक रिपोर्ट ऐसी भी आई थी जिसमें 8 हजार के करीब भारतीय अरबपतियों (Indian Billionaires) के देश छोड़ने की बात कही गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक उनके भारत छोड़ने के कारणों मे एक कारण भारत की आबो हवा दूसरा कारण भारत में High Rate Of Tax और तीसरा कारण Technology Sectors में दूसरे देशों में ज्यादा ग्रोथ होना बताया गया था.
यानी कुल मिलाकर बात इतनी है कि कोई शख्स जब अपने मुल्क की नागरिकता छोड़कर दूसरे मुल्क का बाशिंदा बनता है तो उसके पीछे के हर कारण को निजी नहीं बताया जा सकता. ऐसे में सरकार को चाहिए कुछ ऐसी चीज़ों पर ध्यान देकर उनको बेहतर बनाया जाए ताकि लोग बेहतर भविष्य के लिए दूसरे मुल्कों की ओर नहीं अपने देश की तरफ ही देखें.
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