एक्सप्लोरर

चीन से निपटने के लिए भारत बना रहा है नई सेना, नाम है 'रॉकेट फोर्स'

भारत रॉकेट फोर्स बनाने की तैयारी कर रहा है. रॉकेट फोर्स को सबसे ज्यादा चीन से लगी सीमा पर तैनात किया जाएगा. इसका दूसरा निशाना पाकिस्तान होगा.

दो साल पहले देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने चेतावनी दी थी कि चीन की अक्रामकता बढ़ती जा रही है. चीन ईरान और तुर्की के साथ मैत्रीपूर्ण पहल के बाद जल्द ही अफगानिस्तान में कदम रखेगा. जनरल रावत ने 'सभ्यताओं के टकराव' के सिद्धांत का हवाला दिया था और पश्चिम देशों के मुकाबले इस्लामी दुनिया के साथ चीन के बढ़ते संबंधों का भी जिक्र किया था. उसी दौरान रावत ने 'रॉकेट फोर्स' का भी जिक्र किया था.

अब चीन से बढ़ते खतरों के बीच भारत रॉकेट फोर्स बनाने की तैयारी में है. भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने प्रलय और निर्भय लंबी दूरी की मिसाइलों का विकास पूरा कर लिया है. जल्द ही भारतीय रक्षा मंत्रालय 7500 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की 250 यूनिट का ऑर्डर देने वाला है.

बता दें कि ये कदम पिछले साल दिसंबर में रक्षा मंत्रालय से भारतीय वायु सेना के लिए इन मिसाइलों की नई यूनिट को मंजूरी देने के बाद उठाया गया है. रक्षा सूत्रों का कहना है कि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की ये इकाइयां रॉकेट फोर्स बनाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है. 

एक प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलें 150 से 500 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती हैं. इस मिसाइल को सबसे पहले भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा और उसके बाद भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा. 

क्या होती है रॉकेट फोर्स

युद्ध या सैन्य कार्रवाई के बारे में जब भी बात आती है तो हमारे जहन में सैनिकों, टैंकों और लड़ाकू विमानों की एक छवि बनती है. लेकिन युद्ध के लिए यह दृष्टिकोण अब पुराना होता जा रहा है. भविष्य के युद्धों में तेजी हासिल करने और निर्णायक रूप से दुश्मन के रणनीतिक और आवश्यक बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए मिसाइलें बहुत जरूरी हो गयी हैं. 

मिसाइल लंबी दूरी तक बिना जनहानि के प्रभावी तरीके से हमला करने में कारगर होती हैं. यही वजह है कि दुनियाभर के शक्तिशाली देश अब सेना के अलग रॉकेट फोर्स का गठन कर रहे हैं. रॉकेट फोर्स देश की मिसाइलों को ऑपरेट करती हैं.

इन मिसाइलों का काम सेना, वायु सेना और नौसेना के साथ मिलकर दुश्मन के ठिकाने पर हमला करना होता है. बता दें कि भारत में अभी तक रॉकेट फोर्स का काम कोर ऑफ आर्टिलरी करती हैं. इसमें टैंक, तोप और मिसाइलें भी शामिल हैं. 

भारत क्यों बनाना चाहता है रॉकेट फोर्स

भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती 3400 किलोमीटर की एलएसी पर दुश्मनों को भेदना है. यहां पर भारत को बगैर किसी भारी पारंपरिक ताकतों के इस्तेमाल के चीनी सेना के खिलाफ युद्ध के लिए विकल्प को तैयार करना है. इसके अलावा पर्याप्त लंबी दूरी की मारक क्षमता को बनाए रखना भी जरूरी है. रॉकेट फोर्स भारत की इन दोनों ही जरूरतों को पूरा कर सकता है. इससे चीन और पाकिस्तान से युद्ध के समय तत्काल जवाबी कार्रवाई की जा सकती है. 

रॉकेट फोर्स कमांड और नियंत्रण सुविधाओं, संचार, वायु और मिसाइल हमले जैसे लक्ष्यों पर सटीक वार कर सकता है. ये किसी भी लक्ष्य के साथ हवाई शक्ति का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त रूप से मध्यम और लंबी दूरी पर सटीक हमला करने की ताकत रखता है. 

रॉकेट फोर्स यानी दोनों तरफ से निपटने की तैयारी

रॉकेट फोर्स न केवल भारत के स्ट्रैटजिक हथियारों को कंट्रोल करेगी, साथ ही भारतीय सेना के कोर ऑफ आर्टिलरी के ऊपर से दबाव भी हटेगा.  रॉकेट फोर्स की बदौलत मौका मिलने पर तुरंत जवाबी कार्रवाई की जा सकेगी. रॉकेट फोर्स स्पेशलाइज्ड यूनिट से लैस होगी जिससे हमलों में ज्यादा तेजी आएगी.

भारत दो तरफ से दुश्मनों से घिरा है, हर तरफ प्राकृतिक वातावरण काफी विषम है. चीन की तरफ की एलएसी पर हिमालय की दुर्गम चोटियां हैं, जहां सैनिकों और भारी हथियारों को आसानी से तैनात नहीं किया जा सकता है.

वहीं, पाकिस्तान की सीमा से सैनिकों की संख्या को कम कर रॉकेट फोर्स को जवाबी कार्रवाई के उपकरण के रूप में तैनात किया जा सकता है. रॉकेट फोर्स से सैनिकों के हताहत होने की संख्या भी कम होगी.

बता दें कि चीन के पास प्रलय के स्तर की डोंगफेंग-12 मिसाइल है. जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 और शाहीन मिसाइल है. गजनवी, एम-11 पाकिस्तान को चीन से मिली है. गजनवी 320 किलोमीटर, एम-11 350 किलोमीटर और शाहीन 750 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें हैं.

प्रलय मिसाइल दूसरे शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइलों के मुकाबले ज्यादा घातक बताई जा रही है. इसकी सटीक मारक क्षमता इसे चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम बनाती है.  इसे जमीन के साथ-साथ कनस्टर लॉन्चर से भी दागा जा सकता है

रॉकेट बल की स्थापना की घोषणा एक साफ संकेत है कि भारत भविष्य में खुद को युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार कर रहा है. 

प्रलय मिसाइल की खासियत

प्रलय ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के बाद भारत की तरफ से तैनात की गई एकमात्र पारंपरिक सामरिक युद्धक्षेत्र मिसाइल है. ये सतह से सतह पर वार करने वाली आधी बैलिस्टिक मिसाइल है. 

प्रलय मिसाइल, भारत की तीन शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3 मिसाइल की तकनीक से मिलकर बनी है. प्रलय की टारगेट ध्वस्त करने की सटीकता 10 मीटर यानी 33 फीट है. इसका मतलब ये हुआ कि जितना इलाका चुना है, उतना ही बर्बाद होगा. 

दिसंबर 2021 में लगातार दो दिन में दो बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब से भारतीय सेना में इसे शामिल करने की कोशिशें जारी रही हैं. खास बात यह है कि इससे रात को भी हमला किया जा सकता है.

इस मिसाइल का संचालन भारत की सामरिक बल कमांड के हाथ में न होकर रॉकेट फोर्स के हाथों में होगा. प्रलय मिसाइल अपने साथ 350 से 700 किलोग्राम तक हाई एक्सप्लोसिव पेनेट्रेशन-कम-ब्लास्ट (पीसीबी) और रनवे डेनियल पेनेट्रेशन सबम्यूनिशन (RDPS) लेकर जा सकती है.

ये मिसाइल 500 किलोमीटर की रेंज में दुश्मनों के बंकर, कम्यूनिकेशन सेंटर और रनवे जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. चीनी सेना के खिलाफ ये मिसाइल अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में भारत को फायदा पहुंचा सकती है. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैदा हुए किसी भी तनाव को भारत एक अनुभव के तौर पर देख रहा है और वो इससे लड़ने के लिए भी तैयार है. भारत  इन उभरते प्रौद्योगिकी खतरों का मुकाबला करने के लिए कदम उठा रहा है. इसमें एलएसी के पास ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करना और हाल ही में क्षेत्र में कम दूरी की प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की तैयारी है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैन्य योजनाकारों ने कहा कि भारतीय बल लद्दाख में हेरोन निगरानी यूएवी भी तैनात कर रहे हैं, और चीन के खिलाफ एमक्यू -9 टोही और स्ट्राइक ड्रोन की संख्या को बढ़ाने की भी कोशिश की जा रही है. 

चीन की तैयारी 

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक वाशिंगटन स्थित स्टिमसन सेंटर के दक्षिण एशिया क्षेत्र के उप निदेशक फ्रैंक ओ'डोनेल ने कहा है कि चीन भारत के सामने पश्चिमी थिएटर कमांड में अपनी पारंपरिक मिसाइलों को उतार रहा है. इन मिसाइलों में केडी-63 एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल और केडी-10 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल शामिल हैं. 

उन्होंने ये भी कहा कि चीन के नए एच-6के रणनीतिक बमवर्षक विमान को शिनजियांग में भी देखा गया है. ये मिसाइल सीजे-20 क्रूज मिसाइलों से लैस होने पर अधिकतम मारक क्षमता 4,000 किलोमीटर तक रखता है. 

चीन के पास पहले से है रॉकेट फोर्स

बता दें कि रॉकेट फोर्स चीन की सेनाओं का अहम हिस्सा है. चीन ने साल 2016 में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) के सेकेंड आर्टिलरी कोर का नाम बदलकर रॉकेट फोर्स कर दिया. 

चीन अपने रॉकेट फोर्स की मदद से अंतरिक्ष तक पर नजर रखता है.  इस रॉकेट फोर्स को तैयार करके चीन अमेरिका के साथ भारत पर भी अपना सैन्‍य दबाव बना रहा है. 

जून 2020 के बाद एक बार फिर से चीन से सटी वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव की स्थिति है. रिपोर्ट्स की मानें तो चीन लगातार एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिशों में लगा हुआ है.

चीन-भारत विवाद पर एक नजर

9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. चीन के विदेश मंत्रालय ने 30 दिसंबर 2022 को भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम बदलते हुए इसके 'मानकीकृत' नाम जारी किए थे.  दूसरी तरफ भारत ने चीन के इस कदम पर एतराज जताया था. भारत का कहना था कि नाम ईजाद करके रख देने से' जमीन पर तथ्य नहीं बदलेंगे . 

चीन के साथ भारत की 3,488 किमी लंबी सीमा लगती है.  चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग किमी पर अपना दावा करता है. वहीं लद्दाख में 38 हजार वर्ग किमी की जमीन पर चीन ने 1962 में ही कब्जा कर लिया था.

 2 मार्च 1963 को पाकिस्तान ने कब्जा किये हुए कश्मीर की 5,180 वर्ग किमी जमीन चीन को सौंप दी थी. यानी  चीन ने भारत की कुल 43 हजार 180 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर रखा है. इसे लेकर भी विवाद है. 

चीन के कब्जाए हुए तिब्बत से नेपाल 1,439 किलोमीटर लंबी सीमा को साझा करता है,  लेकिन, चीन ये दावा करता है कि नेपाल के कई इलाके तिब्बत का हिस्सा हैं.  2022 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन, नेपाल के इलाकों पर अतिक्रमण कर रहा है.

बता दें कि चीन और भारत के बीच संघर्ष में साल 2020 खासा हिंसक रहा. 1975 के बाद से दोनों देशों के सैनिकों के बीच ऐसा संघर्ष था.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

IPL Auction 2025 Live Streaming: कितने बजे नीलामी होगी शुरू? किस टीवी चैनल और मोबाइल एप पर आएगी लाइव? जानें सबकुछ
कितने बजे नीलामी होगी शुरू? किस टीवी चैनल और मोबाइल एप पर आएगी लाइव? जानें सबकुछ
अमन अरोड़ा पंजाब AAP के नए अध्यक्ष, अमनशेर कलसी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त
अमन अरोड़ा पंजाब AAP के नए अध्यक्ष, अमनशेर कलसी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त
The Sabarmati Report BO Collection: विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
Watch: 'बेइमानी' पर उतरे मार्नस लाबुशेन, DSP मोहम्मद सिराज को आया गुस्सा; जानें फिर क्या हुआ
'बेइमानी' पर उतरे मार्नस लाबुशेन, DSP मोहम्मद सिराज को आया गुस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Delhi-NCR में प्रदूषण को लेकर Supreme Court का केंद्र सरकार को बड़ा निर्देश | PM ModiDelhi BJP Meeting : संगठन चुनाव को लेकर दिल्ली में बीजेपी की बड़ी बैठक जारी | Breaking NewsPunjab Police Encounter : आतंकी लखबीर सिंह के दो गुर्गों का पुलिस से एनकाउंटर | Breaking NewsDelhi News: दिल्ली में आम आदमी पार्टी का Arvind Kejriwal ने किया रेवड़ी कैंपेन लॉन्च | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
IPL Auction 2025 Live Streaming: कितने बजे नीलामी होगी शुरू? किस टीवी चैनल और मोबाइल एप पर आएगी लाइव? जानें सबकुछ
कितने बजे नीलामी होगी शुरू? किस टीवी चैनल और मोबाइल एप पर आएगी लाइव? जानें सबकुछ
अमन अरोड़ा पंजाब AAP के नए अध्यक्ष, अमनशेर कलसी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त
अमन अरोड़ा पंजाब AAP के नए अध्यक्ष, अमनशेर कलसी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त
The Sabarmati Report BO Collection: विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
Watch: 'बेइमानी' पर उतरे मार्नस लाबुशेन, DSP मोहम्मद सिराज को आया गुस्सा; जानें फिर क्या हुआ
'बेइमानी' पर उतरे मार्नस लाबुशेन, DSP मोहम्मद सिराज को आया गुस्सा
दस या बाहर महीने नहीं बल्कि सालों तक प्रेग्नेंट रहते हैं ये जानवर, जानकर नहीं होगा यकीन
दस या बाहर महीने नहीं बल्कि सालों तक प्रेग्नेंट रहते हैं ये जानवर, जानकर नहीं होगा यकीन
नोरा फतेही के डांस के साथ-साथ उनकी जबरदस्त फिटनेस के भी कायल हैं फैंस,जानें क्या है सीक्रेट
नोरा फतेही के डांस के साथ-साथ उनकी जबरदस्त फिटनेस के भी कायल हैं फैंस
MSBSHSE 10th Exam: महाराष्ट्र बोर्ड के 10वीं की परीक्षा का शेड्यूल जारी, 17 मार्च तक चलेंगी परीक्षाएं
महाराष्ट्र बोर्ड के 10वीं की परीक्षा का शेड्यूल जारी, 17 मार्च तक चलेंगी परीक्षाएं
जनजातीय गौरव दिवस  का आयोजन है आदिवासी अंचलों में सत्ताधारी दल की पहुंच की योजना
जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन है आदिवासी अंचलों में सत्ताधारी दल की पहुंच की योजना
Embed widget