USCIRF Report 2023: भारत को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने एक रिपोर्ट जारी कर यहां धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर कई सवाल खड़े किए थे. अब भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (IMF) ने गुरुवार (27 जून) को USCIRF की भारत पर अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट की कड़ी निंदा की. आईएमएफ ने जोर देकर कहा कि धार्मिक निगरानी संस्था ने भारत के लोकतांत्रिक ढांचे, सिविल सोसाइटी और बहुलवाद की अनदेखी की है.


'भारत के इतिहास की अनदेखी की गई'


आईएमएफ ने कहा, "यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में भारत को अफगानिस्तान, क्यूबा, उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे तानाशाही सरकारों के साथ रखने की कोशिश की गई, जो भारत के इतिहास की अनदेखी है. इसमें भारत को कमजोर दिखाने की कोशिश की गई है."


'USCIRF की रिपोर्ट मनगढ़ंत'


भारत पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2023 की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट पर तख्त श्री पटना साहिब पटना साहिब मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही ने कहा, "जो रिपोर्ट आई है वो पूरी तरह से आधारहीन और मनगढ़ंत है. आज अगर कोई देश सबसे ज्यादा सुरक्षित है तो वह भारत है जहां इतने सारे धर्म मौजूद हैं और सभी धर्म सुरक्षित है. यहां सभी धर्म समान रूप से बढ़ रहा है. ऐसे इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति ही सबका साथ, सबका विकास का है. यह कहना गलत है कि भारत में किसी भी तरह की हिंसा हो रही है."






एनजीओ ने USCIRF की रिपोर्ट पर उठाए सवाल


यूएससीआईआरएफ की 2023 की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए एक एनजीओ ने कहा कि USCIRF की रिपोर्ट में भारत की एकता और अखंडता का कोई जिक्र नहीं किया गया है. यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में कश्मीर और अनुच्छेद 370 का भी जिक्र किया गया था, जिस पर एनजीओ ने कहा कि यह निर्णय भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है, जो इसकी संवैधानिकता को दर्शाता है. एनजीओ ने धार्मिक निगरानी संस्था पर खालिस्तानी मुद्दे को धार्मिक स्वतंत्रता के रूप में गलत तरीके से पेश करने का भी आरोप लगाया.


ये भी पढ़ें : Siddaramaiah: 'इस देश को नहीं बनाया जा सकता हिंदू राष्ट्र', अमर्त्य सेन के बयान पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया का रिएक्शन