Mount Denali: भारतीय पर्वतारोही ने US की सबसे ऊंची चोटी पर पाई फतह, पूरा किया 'Seven Summits Challenge'
Mountaineer Poorna Malavath: भारतीय पर्वतारोही मालावथ पूर्णा ने 'सेवन समिट्स चैलेंज' पूरा कर देश का नाम रौशन किया है. उन्होंने उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत माउंट डेनाली पर चढ़ाई की है.
Poorna Malavath: तेलंगाना (Telangana) की रहने वाली एक पर्वतारोही (Mountaineer) ने उत्तरी अमेरिका (North America) महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत पर फतह हासिल कर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम दर्ज कराई है. पर्वतारोही मालावथ पूर्णा (Poorna Malavath) ने हाल ही में 'सेवन समिट्स चैलेंज' (Seven Summits Challenge) को पूरा देश का नाम रौशन किया है.
मालावथ पूर्णा ने 5 जून को उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट डेनाली पर चढ़ाई की, जिस दौरान वह 6,190 मीटर ऊंची इस पर्वत श्रृंखला पर चढ़ाई करने में कामयाब हुई हैं. इससे पहले पूर्णा के नाम सबसे कम उम्र में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का भी रिकॉर्ड है.
तेलंगाना की रहने वाली हैं मालावथ पूर्णा
तेलंगाना के पूर्व निजामाबाद जिले की रहने वाली पर्वतारोही मालावथ पूर्णा ने महज 13 साल की उम्र में ही माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी को फतह कर लिया था. वह ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय और दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की बन गईं थी. मालावथ पूर्णा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान अपनी इस कामयाबी का श्रेय ऐस इंजीनियरिंग अकादमी के अध्यक्ष डॉ आरएस प्रवीण कुमार को दिया है. उनका कहना है कि पर्वतारोहण के लिए प्रेरित करने के लिए हमेशा उनका धन्यवाद करती रहुंगी.
उचित मार्गदर्शन से मिली सफलता
उन्होंने आगे कहा कि डॉ आरएस प्रवीण कुमार ने उन्हें हमेशा उनका सपोर्ट किया और इस क्षेत्र में आगे बढ़ते रहने के लिए जरूरी मार्गदर्शन दिया. उनके उचित मार्गदर्शन का ही नतीजा है कि मैं आज इस क्षेत्र में इतना आगे तक आ पाई हूं. यूएस में माउंट डेनाली पर चढ़ाई को लेकर बात करते हुए उव्होंने कहा कि यह काफी कठिनाइयों से भरी हुई थी. जिसे फतह करने के लिए वह अपने जोश और जुनून के साथ लगातार आगे बढ़ती रही और कामयाबी उनके कदम चूमने को मजबूर हो गई. उन्होंने बताया कि माउंट डेनाली पर चढ़ाई करना माउंट एवरेस्ट से भी अधिक कठिन था. इसके लिए उन्होंने दो-तीन महीने तक प्रशिक्षण लिया और कड़ी मेहनत करनी पड़ी. इसके साथ ही उन्होंने उनका समर्थन करने और साथ देने वालों को धन्यवाद दिया है.
बता दें कि पर्वतारोही मालावथ पूर्णा (Poorna Malavath) के अनुसार उन्होंने माउंट एवरेस्ट (एशिया), माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका), माउंट एल्ब्रस (यूरोप), माउंट एकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका), माउंट कार्सटेन्ज़ पिरामिड (ओशिनिया), माउंट विंसन (अंटार्कटिका) और माउंट डेनाली (Mount Denali) पर अपने अभियानों में सफलता हासिल की है.
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